Infra Stocks: इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों को लिस्ट ही नहीं करना चाहिए। यह कहना है मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के मार्क मोबियस का। मोबियस ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि इसकी बजाय निवेशकों को लॉन्ग टर्म बॉन्ड्स में पैसे डालने चाहिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर की आय से जुड़े होते हैं। जैसे कि ये बॉन्ड्स किसी पुल या टोल रोड की कमाई से जुड़े होते हैं और लॉन्ग टर्म में इनसे अच्छी कमाई होती है। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर का इंडेक्स Nifty Infra इस साल करीब 2.6 फीसदी कमजोर हुआ है जबकि दो साल में 24 फीसदी टूट चुका है। हालांकि पिछले तीन साल में यह 50 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ है।
इंफ्रा कंपनियों को क्यों नहीं करना चाहिए लिस्ट?
दिग्गज निवेशक मोबियस के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों को इसलिए मार्केट में नहीं लिस्ट करना चाहिए क्योंकि इनमें मुनाफा जल्दी हीं मिलता है। वहीं शेयरों में पैसे लगाने वाले निवेशक हर दिन या कम से कम सालाना मुनाफे की उम्मीद करते हैं। मोबियस के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लॉन्ग टर्म के होते हैं जैसे कि किसी सड़क या पुल के बनने में समय लगता है और बनने के बाद भी कभी-कभी मुनाफा मिलने में 5-10 साल तक का समय लग जाता है। ऐसे में इंफ्रा कंपनियों से शॉर्ट टर्म में कमाई नहीं होती है लेकिन लॉन्ग टर्म में ये शानदार कमाई करा सकती हैं।
मोबियस ने स्टॉक मार्केट निवेशकों को सलाह दी है कि ऐसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में पैसे न लगाएं जिन पर कर्ज बहुत अधिक हो और जो अपने प्रोजेक्ट्स का पैसा जुटाने के लिए कर्ज लेती हैं। मोबियस ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की कंपनियों में शॉर्ट टर्म निवेशकों को पैसे लगाने से मना किया है और यह भी कहा है कि इन्हें लिस्ट ही नहीं करना चाहिए। वहीं सरकार के सबसे अधिक फोकस वाले एरियाज में यह शामिल है।