Market Outlook: Q3 नतीजों के बाद मार्केट पकड़ सकता है नई दिशा, पावर सेक्टर, डाटा सेंटर से जुड़ी कंपनियां लग रही है बेहतर

Market Outlook: कंजम्पशन में रिकवरी के संकेत, गवर्नमेंट सपोर्ट मिल रहा है। प्राइवेट बैंक, NBFCs में वैल्यूएशन, ग्रोथ कंफर्ट रहा। इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स स्पेस में फोकस करें। पावर सेक्टर, डाटा सेंटर से जुड़ी कंपनियां बढ़िया है

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 8:02 PM
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उतार-चढ़ाव बाजार का हिस्सा होता है । उतार-चढ़ाव में पैनिक की जरूरत नहीं। किसी न्यूज का कंपनी की कमाई पर असर तो एक्शन लेते हैं।

Market Outlook: शुक्रवार को सेंसेक्स- निफ्टी दिन के ऊपरी स्तर पर बंद हुए । बाजार में निचले स्तर से शानदार रिकवरी दिखी और .निफ्टी 31 प्वाइंट चढ़कर 25,910 पर बंद हुआ वहीं सेंसेक्स 84 प्वाइंट चढ़कर 84,563 पर बंद हुआ। ऐसे में बाजार की आगे के आउटलुक और LIC MF Multicap Fund की स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए  LIC MF के सीनियर फंड मैनेजर- इक्विटीज दीक्षित मित्तल (Dikshit Mittal) ने कहा कि अगस्त 2024 से नवंबर 2025 तक मार्केट रेंज-बाउंड रहा। ग्लोबल इवेंट्स का दबाव बना रहा। टैरिफ वार, जियोपॉलिटिकल तनाव का असर दिखा। अर्निंग ग्रोथ में सुस्त का असर बाजार पर दिखा। मार्केट ने प्राइस, टाइम - दोनों तरह की करेक्शन देखी।

अब बड़े पॉजिटिव ट्रिगर की जरूरत है। Q3 में अर्निंग पिकअप की उम्मीद है। बैंकिंगफाइनेंशियल सेक्टर में मार्जिन बॉटम आउट देखने को मिल रहा है। कंजम्प्शन सेक्टर में सरकार और RBI सपोर्ट से सुधार के संकेत है। Q3 के बाद अर्निंग रिकवरी नया अपट्रेंड ला सकती है। US के साथ टैरिफ वार्ता पॉजिटिव रही तो एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। Q3 के बाद मार्केट नई दिशा पकड़ सकता है।

किन सेक्टर पर फोकस? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कंजम्पशन में रिकवरी के संकेत, गवर्नमेंट सपोर्ट मिल रहा है। प्राइवेट बैंक, NBFCs में वैल्यूएशन, ग्रोथ कंफर्ट रहा। इंडस्ट्रियल, कैपिटल गुड्स स्पेस में फोकस करें। पावर सेक्टर, डाटा सेंटर से जुड़ी कंपनियां बढ़िया है। एक्सपोर्ट स्पेस पर बुलिश है। टैरिफ वार सुलझने पर एक्सपोर्ट में रिवाइवल की उम्मीद है।

स्टॉक सेलेक्शन स्ट्रैटेजी पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि GDP और अर्निंग के हिसाब से सेक्टर सेलेक्शन है। फिर सेक्टर से सबसे मजबूत कंपनियां चुनी जाती हैं। उन सेक्टर पर फोकस जिसका GDP ग्रोथ में रोल है। तेज अर्निंग ग्रोथ वाले सेक्टर में फोकस करें और कंपनी के ट्रैक रिकॉर्ड पर नजर रखें। कंपनी के मार्केट शेयर, मैनेजमेंट पर फोकस रखें। अर्निंग ग्रोथ के साथ वैल्युएशन कंफर्ट जरूरी है। वैल्युएशन महंगा है तो एक्सपोजर कम कर देते हैं। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइड रखने की कोशिश करते है।

मार्केट वोलैटिलिटी पर अप्रोच रखते हुए उन्होंने कहा कि उतार-चढ़ाव बाजार का हिस्सा होता है । उतार-चढ़ाव में पैनिक की जरूरत नहीं। किसी न्यूज का कंपनी की कमाई पर असर तो एक्शन लेते हैं। पोर्टफोलियो वेल-डायवर्सिफाइड रखते हैंलार्ज, मिड और स्मॉलकैप में बैलेंस की कोशिश करें और बैलेंस पोर्टफोलियो से उतार-चढ़ाव का असर कम है।


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