Stock market : 12 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार बढ़त लेकर बंद हुआ है। निफ्टी आज 25,100 के ऊपर बंद होने में कामयाब रहा है। कारोबार सत्र के अंत में सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत बढ़कर 81,904.70 पर और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत बढ़कर 25,114 पर बंद हुआ है। आज लगभग 1922 शेयरों में तेजी रही, 2036 शेयरों में गिरावट देखने को मिली और 138 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो ऑटो, फार्मा, मेटल और टेलीकॉम शेयरों में 0.5-1 फीसदी की बढ़त हुई, जबकि रियल्टी, एफएमसीजी, मीडिया और पीएसयू बैंक शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस, हिंडाल्को और बजाज फिनसर्व निफ्टी के टॉप गेनरों में रहे, जबकि एचयूएल, विप्रो, ट्रेंट, इटरनल और बजाज ऑटो निफ्टी के टॉप लूजरों में रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स आज सपाट बंद हुए हैं।
वीकली बेसिस पर देखें तो बाजार में लगभग 3 महीनों में सबसे बड़ी वीकली बढ़त देखने को मिली है। लगातार दूसरे सप्ताह भी बढ़त कायम रही है। सेंसेक्स, निफ्टी और निफ्टी बैंक में 1 फीसदी से अधिक की बढ़त रही है। मिडकैप शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया और इस इंडेक्स में इस सप्ताह 2 फीसदी की बढ़त रही। सभी सेक्टोरल इंडेक्सों में बढ़त रही। आईटी और पीएसयू में सबसे अधिक बढ़त देखने को मिली है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती को लेकर ग्लोबल स्तर पर बने नए उत्साह के चलते भारतीय बाजार तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर बंद हुए। यूरोपीय संघ द्वारा भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से बाजार में और सुधार हुआ।
अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी शॉर्ट टर्म में बाजार में तेजी बरकरार रहने की उम्मीद है। डिफेंस शेयरों ने बेहतर प्रदर्शन किया। अगली पीढ़ी की छह पनडुब्बियों की खरीद के लिए बातचीत शुरू होने से डिफेंस शेयरों में जोश आया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि अमेरिका में कमज़ोर रोज़गार आंकड़ों के बाद फेड की ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है। इसके अलावा, बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के ब्याज दरों संबंधी फैसलों के मद्देनजर ग्लोबल मार्केट में नकदी की स्थिति और जोखिम उठाने की क्षमता पर उसके प्रभाव पर कड़ी नज़र रहेगी।
कुल मिलाकर, शॉर्ट टर्म में बाजार का रुझान अच्छा रह सकता है। केंद्रीय बैंकों के रुख को देखते हुए इसमें वोलैटिलिटी नजर आ सकती है। हालांकि, भारत-अमेरिका ट्रेंड वार्ता में प्रगति से निवेशकों का मूड सुधर भी सकता है।
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