Stock market : भारतीय इक्विटी इंडेक्स 7 जनवरी को तेजी लेकर बंद हुए और निफ्टी 23,700 पर पहुंच गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 234.12 अंक या 0.30 फीसदी बढ़कर 78,199.11 पर और निफ्टी 91.85 अंक या 0.39 फीसदी बढ़कर 23,707.90 पर बंद हुआ। आज लगभग 2527 शेयरों में तेजी आई, 1286 शेयरों में गिरावट आई और 103 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी पर ओएनजीसी,एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस,टाटा मोटर्स,एचडीएफसी लाइफ,रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर सबसे ज्यादा फायदो में रहे। जबकि एचसीएल टेक,टीसीएस, आयशर मोटर्स,हीरो मोटोकॉर्प,ट्रेंट के शेयर सबसे ज्यादा नुकसान में रहे।
आईटी को छोड़कर दूसरे सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। इनमें भी तेल एवं गैस, रियल्टी,एनर्जी,बैंक, मेटल और फार्मा शेयरों में 0.5-1 फीसदी तक की बढ़त देखने को मिली। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.7 फीसदी और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.7 फीसदी की बढ़त हुई।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के राज दीपक सिंह ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा कि सितंबर से लगातार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली एक बड़ी बाधा बनी हुई है। स्थितियों में अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है। बाजार में टिकाऊ तेजी के लिए एफआईआई निवेशकों के लौटने की जरूरत होगी। लेकिन वर्तमान में बढ़ते डॉलर इंडेक्स और आकर्षक यूएस ट्रेजरी यील्ड के कारण ये संभावना नहीं दिख रहा है। आम राय है कि डॉलर इंडेक्स 110 से ऊपर नहीं जाएगा,लेकिन इसका मौजूदा स्तर भी भारतीय इक्विटी बाजार के लिए खराब है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट हमारे घरेलू बाजार के लिए बेहतर संभावनाओं का संकेत देगी।
एंजेल वन में टेक्निकल और डेरिवेटिव रिसर्च के हेड समीत चव्हाण ने कहा कि नए वायरस के इर्द-गिर्द बनी अनिश्चितता जोखिम को और बढ़ा रही है। इस पर करीबी से निगरानी की जरूरत है। जब तक इन मुद्दों पर स्पष्टता या राहत नहीं मिलती, निवेशकों को "फॉलिंग नाइफ" को पकड़ने का प्रयास करने से बचना चाहिए,क्योंकि बिकवाली अभी जारी रह सकती है।
उन्होंने कहा आगे कहा कि निफ्टी में बीच-बीच में आने वाले उछाल के टिकाऊ साबित होने की संभावना नहीं है। 23900-24000 के आसपास स्थित 200 DSMA निफ्टी के लिए तत्काल रजिस्टेंस का काम कर सकता है। अपट्रेंड के फिर से शुरू होने का संकेत देने के लिए निफ्टी में 24200 से ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट जरूरी है। इसके अलावा हालिया गिरावट में मिडकैप और स्मॉल-कैप स्टॉक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और वे अभी भी कमज़ोर दिखाई दे रहे हैं। ट्रेडरों को सलाह है कि वे सावधानी बरतें और फिलहाल इन सेगमेंट्स में ज्यादा जोखिम लेने से बचें।
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