Steel PLI 1 scheme : स्टील प्रोडक्शन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्टील PLI 1.1 स्कीम शुरू की गई है। इस स्कीम के तहत कई तरह की सुविधाएं दी गई हैं। स्टील इंडस्ट्री के लिए स्टील PLI 1.1 क्यों है खास। इस पर स्टील सचिव संदीप पौंड्रिक से खास बीतचीत की सीएनबीसी-आवाज़ को रोहन सिंह ने। लेकिन आइए पहले जान लेते हैं कि PLI 1.1 स्कीम क्या है। तो बता दें कि स्टील PLI 1.1 स्कीम के लिए 4,400 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। CRGO प्रोजेक्ट के लिए न्यूनतम निवेश सीमा कम की गई है। न्यूनतम निवेश 5,000 करोड़ रुपए से घटाकर 3,000 करोड़ रुपए की गई है। प्लांट की न्यूनतम क्षमता 2 लाख टन से घटाकर 50,000 टन की गई है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है।
एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक देश को 30 करोड़ टन स्टील की जरूरत होगी। 2024 में देश में 18 करोड़ टन स्टील उत्पादन क्षमता है। भारत में स्टील की मांग 12-13 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है।
स्टील सचिव संदीप पौंड्रिक ने इस बातचीत में कहा कि Steel PLI 1.1 के लिए 4,400 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। PLI 1.1 में निवेश के लिए अधिक फ्लेक्सिबिलिटी है। PLI 1.1 के तहत आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 है,जिसे बढ़ाया नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके पहले आई PLI 1 में 24 हजार करोड रुपए का निवेश आया था। इस नई स्कीम में किए गए बदलाव के तहत अगर वर्तमान स्टील प्लांट स्पेशियलिटी स्टील में आते हैं और क्षमता विस्तार करते हैं तो उनकी जो निवेश की लिमिट है उसे घटा कर आधा कर दिया है।
नई स्कीम के तहत अगर कोई एक प्लांट 1 साल में तय सीमा से ज्यादा स्टील बनाता है तो उसे अगले साल में गिना जाएगा। इस तरह की फ्लेक्सबिलिटी पहले नहीं थी। ये इंडस्ट्री की भी डिमांड थी जिसको पूरा कर दिया गया है।
संदीप पौंड्रिक ने बताया कि पीएलआई का कुल फंड करीब 6400 करोड़ रुपए है। जिसमें से 2000 करोड़ रुपए का इस्तेमाल पीएलआई के लिए हुआ है। PLI 1.1 के लिए 4,400 करोड़ रुपए का फंड उपलब्ध है। ये 2029-30 तक के लिए प्रोडक्शन और 2030-31 तक इन्सेंटिव के लिए लागू रहेगा।