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Market outlook : हल्के लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 16 दिसंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock market : निफ्टी पर इंटरग्लोब एविएशन, ITC, HCL टेक्नोलॉजीज, HUL और ट्रेंट टॉप गेनर रहे, जबकि ONGC, M&M, HDFC लाइफ, आइशर मोटर्स और JSW स्टील टॉप लूज़र रहे। सेक्टोरल मोर्चे पर, PSU बैंक, मीडिया, IT, FMCG, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.3-1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑटो, फार्मा, टेलीकॉम में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 15, 2025 पर 4:16 PM
Market outlook : हल्के लाल निशान में बंद हुआ बाजार, जानिए 16 दिसंबर को कैसी रह सकती है इसकी चाल
Nifty trend : बाजार का टेक्निकल एनालिसिस करते हुए जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स ने कहा कि निफ्टी गिरती हुई पैरेलल ट्रेंडलाइन के पास बंद हुआ है। ये सावधानी बरतने का संकेत है

Stock market today : 15 दिसंबर को उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में भारतीय इक्विटी इंडेक्स मामूली नुकसान के साथ बंद हुए। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 54.30 अंक या 0.06 प्रतिशत गिरकर 85,213.36 पर और निफ्टी 19.65 अंक या 0.08 प्रतिशत गिरकर 26,027.30 पर बंद हुआ। लगभग 2067 शेयरों में तेज़ी आई, 1864 शेयरों में गिरावट आई और 139 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।

निफ्टी पर इंटरग्लोब एविएशन, ITC, HCL टेक्नोलॉजीज, HUL और ट्रेंट टॉप गेनर रहे, जबकि ONGC, M&M, HDFC लाइफ, आइशर मोटर्स और JSW स्टील टॉप लूज़र रहे। सेक्टोरल मोर्चे पर, PSU बैंक, मीडिया, IT, FMCG, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में 0.3-1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑटो, फार्मा, टेलीकॉम में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई। BSE मिडकैप इंडेक्स सपाट बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है कि लगातार विदेशी फंड का लगातार निकासी और कमज़ोर रुपये की वजह से बाज़ार एक सीमित दायरे में बने हुए हैं। जब तक भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर स्थिति साफ़ नहीं हो जाती, तब तक करेंसी में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है। मॉनेटरी और फिस्कल ग्रोथ ड्राइवर्स के सपोर्ट से वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में अर्निग्स में रिकवरी की उम्मीदें सेंटीमेंट को स्थिर बनाए रखने में मदद कर रही हैं।

उम्मीद है कि आगे चलकर मार्केट की चाल वैल्यूएशन के बजाय अर्निंग्स से तय होगी। निवेशक कुछ अहम इकोनॉमिक आंकड़ों पर नजरें बनाए हुए हैं। इनमें U.S. CPI इन्फ्लेशन और बेरोज़गारी के आंकड़े शामिल है। इनसे ग्लोबल लिक्विडिटी की चाल और 2026 के लिए इंटरेस्ट रेट के आउटलुक का अंदाजा लगाया जा सकेगा।

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