Stock markets : भारतीय इक्विटी इंडेक्स 12 जून को कमजोर रुख के साथ बंद हुए और निफ्टी 24,900 से नीचे आ गया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 823.16 अंक या 1.00 फीसदी की गिरावट के साथ 81,691.98 पर और निफ्टी 253.20 अंक या 1.01 फीसदी की गिरावट के साथ 24,888.20 पर बंद हुआ। आज लगभग 1249 शेयरों में तेजी आई, 2606 शेयरों में गिरावट आई और 134 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी के सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा मोटर्स, श्रीराम फाइनेंस, ट्रेंट, टाइटन कंपनी और कोल इंडिया शामिल रहे। जबकि सबसे ज्यादा लाभ में रहने वाले शेयरों में अपोलो हॉस्पिटल्स, डॉ. रेड्डीज लैब्स, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स और टेक महिंद्रा शामिल रहे।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। इनमें भी ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, मेटल, आईटी, पावर, ऑयल एंड गैस, रियल्टी 1-2 फीसदी नीचे बंद हुए। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 1.5 फीसदी और स्मॉलकैप इंडेक्श में 1.3 फीसदी की गिरावट आई।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रेटेजिस्ट आनंद जेम्स का मानना है कि 25,460-26,200 के मीडिय टर्म के लक्ष्य अभी भी कायम हैं। जब तक यह गिरावट 25,056 से आगे नहीं बढ़ती तब तक निकट भविष्य में बाजार में तेजी की उम्मीद कायम है। 24,900/863 से नीचे की तेज गिरावट और कमजोरी आने का संकेत हो सकती है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के देवर्ष वकील का कहना है कि महंगाई और ट्रेड डील पर उत्साहजनक संकेतों के बावजूद, मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने बाजार को पर दवाब बनाया है। निवेशक सतर्क बने हुए हैं और भू-राजनीतिक मोर्चे पर अधिक स्पष्टता आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार का कहना है कि बाजार में हाल ही में जो सपाट रुझान देखने को मिला है, वह निकट भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है,क्योंकि ऐसे कोई स्पष्ट सकारात्मक संकेत नहीं हैं, जो बाजार को और ऊपर की ओर ले जा सकें। टैरिफ संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। मध्य पूर्व में जोखिम बढ़ने के कारण ब्रेंट क्रूड का 70 डॉलर पर पहुंचना भारत के लिए निगेटिव है।
सैमको सिक्योरिटीज के धुपेश धमेजा का कहना है कि 25,220 से ऊपर की मजबूत क्लोजिंग बाजार में नए सिरे से तेजी को ट्रिगर कर सकती है। ऐसे में निफ्टी 25,350-25,400 की ओर बढ़ता दिख सकता है। वहीं 24,800 से नीचे जाने पर ही बाजार में बड़ी गिरावट की आशंका है। ऐसे में जब तक निफ्टी 24,800 से नीचे नहीं जाता तब तक हर गिरावट पर खरीदारी के मौके तलाशने की सलाह होगी।
धुपेश धमेजा ने आगे कहा कि बैंक निफ्टी के लिए 57,120 से ऊपर का ब्रेकआउट पॉजिटिव हो सकता है और सूचकांक को 57,500-57,700 की ओर ले जा सकता है। दूसरी ओर बैंक निफ्टी के 55,900 अंक से नीचे जाने पर कमजोरी बढ़ सकती है। तब तक हर करेक्शन में खरीदारी की रणनीति अपनानी चाहिए।
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