Stock market : बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी ने 30 सितंबर को अपनी शुरुआती कारोबारी बढ़त को खो दिया और दिन के उच्चतम स्तर से 400 अंक और 120 अंक गिर गए। आज सेंसेक्स 97.32 अंक या 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ 80,267.62 पर और निफ्टी 23.8 अंक या 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ 24,611.10 पर बंद हुआ। लगभग 1,970 शेयरों में तेजी आई, 1,939 शेयरों में गिरावट आई और 153 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
आरबीआई द्वारा ऋण देने के नियमों में ढील और ऋणदाताओं पर निगरानी कड़ी करने के बावजूद, बैंक निफ्टी आज दिन के उच्चतम स्तर से 250 अंक नीचे आ गया। वहीं, निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 1.8 फीसदी तक चढ़ा।
वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX 3 फीसदी बढ़कर 11.73 पर कारोबार करता दिखा। VIX का हाई लेवल इस बात का संकेत है कि ट्रेडरों को निकट भविष्य में बाज़ारों में अनिश्चितता दिखाई दे रही है। आज निफ्टी F&O की एक्सपायरी भी थी। आमतौर पर एक्सपायरी के दिन बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
एनरिच मनी (Enrich Money) के सीईओ पोनमुडी आर (Ponmudi R) ने कहा कि निफ्टी आज 24,770-24,800 के आसपास भारी बिकवाली के दबाव के बाद दिन के निचले स्तर के पास बंद हुआ। आज इस पर दिन भर दबाव रहा। इंडेक्स कुछ देर के लिए 24,610 के ऊपर रहा, लेकिन बिकवाली ने इसे 24,540 के स्लोप सपोर्ट स्तर तक नीचे खींच लिया। अगर यह स्तर टूटता है, तो अगला सपोर्ट स्तर 24,400 के आसपास होगा। इसके भी नीचे जाने पर इस बात की पुष्टि जो जाएगी कि निफ्टी का शॉर्ट टर्म ट्रेंड और भी निगेटिव हो गया है।
तकनीकी नजरिए से देखें तो मोमेंटम इंडीकेटर खिंचे हुए दिख रहे हैं और ओवरसोल्ड ज़ोन के करीब पहुंच रहे हैं, जिससे शॉर्ट-कवरिंग जंप आ सकता है। हालांकि, जब तक अहम रेजिस्टेंस लेवल पार नहीं हो जाते, तब तक बाजार में सतर्कता का माहौल बना रहेगा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी.के. विजयकुमार ने कहा, "1 अक्टूबर को आने वाली मौद्रिक नीति से शायद ही कोई सरप्राइज देखने को मिलेगा। मौजूदा ग्रोथ और महंगाई की से दरों में कटौती की गारंटी नहीं है। इसलिए, आरबीआई द्वारा अर्थव्यवस्था में विकास की गति को सहारा देने के लिए नरम रुख अपनाते हुए दरों को जैसे का तैसा बरकरार रखने की संभावना है।"
उन्होंने आगे कहा कि बाजार का शॉर्ट टर्म ट्रेंड कमज़ोर नज़र आ रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली और अच्छे संकेतों का अभाव बाज़ार में रिकवरी के लिए बाधक बन रहा है। ऐसे में ऊपर चढ़ने की किसी भी कोशिश को बिकवाली का दबाव झेलना पड़ रहा है। 1,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा के पॉजिटिव संस्थागत निवेश के बावजूद कल की निगेटिव क्लोजिंग से यह बात साफ़ ज़ाहिर होती है।
वहीं, रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा ने कहा कि उनका मानना है कि हालिया बिकवाली के बाद ओवरसोल्ड पोजीशन के कारण अब निफ्टी में कुछ कंसोलीडेशन हो सकता है। इस कंसोलीडेशन के फेज में निफ्टी के लिए 24,400-24,500 के आसपास मजबूत सपोर्ट होगा।
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