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SEBI कोर्ट ने स्टॉक इनवेस्टर केतन पारेख को नहीं दी विदेश जाने की इजाजत

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पारेख ने अपनी 4 महीने की विदेश यात्रा के बारे में पूरी जानकारी दिए बगैर इसकी इजाजत मांगी थी। इससे पहले विदेश यात्रा की इजाजत मिलने पर पारेख ने उसका दुरूपयोग किया। उन्होंने सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शंस किए जो गैर-कानूनी थे

अपडेटेड Oct 01, 2025 पर 6:52 PM
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केतन पारेख ने कई देशों की यात्रा करने की इजाजत मांगी थी। इनमें इंग्लैंड, यूएई, सिंगापुर, थाईलैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय यूनियन और जॉर्जिया शामिल थे।

एक स्पेशल कोर्ट ने स्टॉक मार्केट ऑपरेटर केतन पारेख को विदेश जाने की इजाजत नहीं दी है। पारेख ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर विदेश जाने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने कहा कि इससे पारेख के खिलाफ चल रही जांच पर असर पड़ सकता है। यह देश के वित्तीय हित के लिहाज से भी अच्छा नहीं होगा। मनीकंट्रोल ने इस मामले में कोर्ट के ऑर्डर को देखा है।

पारेख ने पहले अपनी विदेश यात्रा का दुरूपयोग किया था

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि Ketan Parekh ने अपनी 4 महीने की विदेश यात्रा के बारे में पूरी जानकारी दिए बगैर इसकी इजाजत मांगी थी। इससे पहले विदेश यात्रा की इजाजत मिलने पर पारेख ने उसका दुरूपयोग किया। उन्होंने सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शंस किए जो गैर-कानूनी थे। सेबी के एक होल-टाइम मेंबर ने पहले ही पारेख के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित किया है। इसमें पारेख और दूसरे लोगों की तरफ से की गई 66.57 करोड़ रुपये की गैरकानूनी कमाई को जब्त करने का आदेश दिया गया है।


सेबी के होल टाइम मेंबर ने जनवरी में अंतरिम आदेश दिया था

यह अंतरिम आदेश 2 जनवरी, 2025 को आया था। यह 1 जनवरी, 2021 और 20 जून, 2023 के बीच हुए ट्रेड्स से जुड़ा है। जांच में यह पाया गया कि पारेख ने कथित रूप से रोहित सलगावकर से नॉन-पब्लिक इंफॉर्मेशन (NPI) हासिल की थी। इस अंदर की जानकारी (insider) के आधार पर उन्होंने ट्रेडिंग के निर्देश दिए थे। हालांकि, स्पेशल कोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को ध्यान में रखा है, जिसमें देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा था कि विदेश यात्रा बुनियादी अधिकार है। लेकिन, कोर्ट का मानना है कि राष्ट्रीय हित पारेख के व्यक्तिगत हित से ज्यादा अहम हैं।

पारेख ने पारिवारिक वजहों से मांगी थी विदेश जाने की इजाजत

कोर्ट ने यह भी कहा कि पारेख को विदेश यात्रा की इजाजत देने से सिक्योरिटी लॉ के उल्लंघन का फिर से खतरा पैदा हो सकता है। पारेख ने पारिवारिक वजहों से विदेश जाने की इजाजत मांगी थी। इसमें एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने, बड़ी बेटी के स्वास्थ्य से जुड़े मसले और विदेश में रहने वाली बेटियों से मुलाकात जैसी वजहें शामिल थीं। उन्होंने कई देशों की यात्रा करने की इजाजत मांगी थी। इनमें इंग्लैंड, यूएई, सिंगापुर, थाईलैंड, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय यूनियन और जॉर्जिया शामिल थे।

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पारेख ने कहा था कि वह दो शादियों में शामिल होना चाहता है

पारेख ने कहा था कि वह दो शादियों में हिस्सा लेने और परिवार के साथ छुट्टियां मनाने के लिए विदेश जाना चाहते हैं। इनमें पहली शादी 22-23 नवंबर, 2025 और दूसरी 24-26 जनवरी, 2026 को थी। सेबी ने कहा कि पारेख ने विदेश में गैरकानूनी ट्रेडिंग एक्टिविटी को छुपाने के लिए अपनी विदेश यात्रा का इस्तेमाल किया था। इस बात की पूरी संभावना है कि याचिकाकर्ता विदेश यात्रा का दुरूपयोग कर सकता है।

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