सेबी ने स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (एसआईएफ) की एक नई कैटेगरी शुरू की थी। लेकिन, अपर्याप्त डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क इसके रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। अभी इन प्रोडक्ट्स को बेचने के लिए सिर्फ 1,500 डिस्ट्रिब्यूटर्स हैं। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने डिस्ट्रिब्यूशन बेस बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग पर फोकस किया है। एसआईएफ एक खास तरह का प्रोडक्ट है, जिसके टारगेट हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनआई) हैं।
इस साल के अंत तक डिस्ट्रिब्यूटर्स की संख्या 5000 तक पहुंच सकती है
CAMS के चीफ प्रोग्राम अफसर सैयद हसन ने कहा कि जुलाई के अंत में रजिस्टर्ड डिस्ट्रिब्यूटर्स की संख्या 248 थी। यह करीब दो महीने में बढ़कर 1,500 हो गई है। उन्होंने कहा, "हम हर घंटे करीब एक नया रजिस्ट्रेशन देख रहे है।" उन्होंने कहा कि इस रफ्तार से डिस्ट्रिब्यूशन बेस इस साल के अंत तक 3,000-5,000 तक पहुंच जाने की संभावना है। ज्यादा नए रजिस्ट्रेशन इंडिविजुअल डिस्ट्रिब्यूटर्स के हैं। हालांकि, वेल्थ प्लेटफॉर्म्स और बैंक भी आ रहे हैं।
म्यूचुअल फंड्स के डिस्ट्रिब्यूटर्स के मुकाबले काफी कम डिस्ट्रिब्यूटर्स
देश में म्यूचुअल फंड्स डिस्ट्रिब्यूटर्स की कुल संख्या करीब 2 लाख है। लेकिन, इसकी तुलना SIFs के डिस्ट्रिब्यूटर्स की संख्या से नहीं की जा सकती। इसकी वजह यह है कि म्यूचुअल फंड्स ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिसमें आम इनवेस्टर्स निवेश करते हैं, जबकि SIF के टारगेट HNI यानी अमीर निवेशक हैं। एडलवाइज एमएफ के को-हेड (फैक्टर इनवेस्टिंग) भवेश जैन ने कहा, "SIF को अल्ट्रा-एचएनआई, एचएनआई और फैमिल ऑफिसेज के लिए डिजाइन किया गया है। इसका मतलब है कि छोटा बेस भी ज्यादा इनवेस्टर्स की जरूरतें पूरी कर सकता है।"
सबसे पहले क्वांट म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किए प्रोडक्ट्स
सबसे पहले क्वांट म्यूचुअल फंड, एसबीआई एमएफ और एडलवाइज ने SIF लान्च किए। एसबीआई म्यूचुअल फंड के ज्वाइंट सीईओ और डिप्टी एमडी डीपी सिंह ने कहा कि शुरुआत में उनका फोकस वेल्थ मैनेजमेंट क्लाइंट्स पर होगा। इसमें फैमिल ऑफिसेज जैसे क्लाइंट्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि इनवेस्टर्स प्रोडक्ट के फायदे को देख निवेश का फैसला लें न कि सिर्फ इसलिए कि यह मार्केट में आने वाला नया प्रोडक्ट है।"
एएमसी डिस्ट्रिब्यूटर्स की संख्या बढ़ाने के कर रही उपाय
SIFs के डिस्ट्रिब्यूशन बेस को बढ़ाने में सर्टिफिकेशन सबसे बड़ी बाधा है। डिस्ट्रिब्यूटर बनने के लिए NISM XIII एग्जाम पास करना जरूरी है। लेकिन, लिमिटेड स्लॉट्स, सबजेक्ट मैटर और कॉस्ट की वजह से रफ्तार काफी सुस्त है। कई लोग डिस्ट्रिब्यूटर्स तो बनना चाहते हैं, लेकिन वे NISM के कोर्स को देखकर डर जाते हैं। इनमें इक्विटी, इंटरेस्ट रेट और करेंसी डेरिवेटिव्स के मॉड्यूल्स शामिल हैं। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए एसेट मैनेजमेंट कंपनियां उपाय कर रही हैं। वे स्ट्रक्चर्ड एन्गेजमेंट, ट्रेनिंग सेशंस और नॉलेज रिसोर्सेज के जरिए डिस्ट्रिब्यूटर्स की मदद कर रही हैं।