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Market View: फॉर्मा सेक्टर का मामला पेचीदा, ट्रंप के फैसले के बाद तय करेंगे रूख, इन सेक्टर पर रखें नजर

मिहिर वोरा ने कहा कि लॉर्जकैप आईटी सेक्टर पर हमारा नजरिया अंडरवेट ही रहा है। क्योंकि हमें नहीं लगता है कि ये हाई ग्रोथ सेक्टर रहा हैं। सेक्टर को अगर हाई ग्रोथ की तरफ जाना है तो कंपनियों को ट्रेडिशनल बिजनेस से बाहर निकलना होगा

अपडेटेड Apr 10, 2025 पर 2:33 PM
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मिहिर वोरा ने कहा कि आईटी सर्विसेस का सबसे बड़ा बाजार यूएस मार्केट है। अमेरिका में काफी अनिश्चितता का माहौल है

अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन को छोड़कर बाकी देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैक्स पर 90 दिनों के लिए राहत दी है। ट्रंप के फैसलों का अब भारतीय बाजारों पर क्या असर होगा? इस पर बात करते हुए ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीआईओ मिहिर वोरा (MIHIR VORA) ने कहा कि भारतीय बाजार सितंबर से जनवरी में करेक्ट हुए । अनसिक्योर्ड लोन की वजह से क्रेडिट ग्रोथ पर असर,रुपए की कमजोरी, गवर्नमेंट क्रेडिट कम होना ये ऐसे निजी फैक्टर थे जिनके कारण भारतीय बाजारों में गिरावट आई थी। हालांकि मार्च में भारतीय बाजारों का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा। धीरे-धीरे घरेलू फैक्टर बेहतर हो रहे थे लेकिन फिर ट्रंप फैक्टर बाजार पर हावी हुआ और इसका असर भारतीय बाजार पर दिख रहा है।

मिहिर वोरा ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि आगे भारतीय बाजार बेहतर प्रदर्शन करने वाले थे। लेकिन ट्रंप फैक्टर के चलते हमने बाजार में और गिरावट देखी और इस गिरावट में हाई बीटा वाले स्टॉक में काफी ज्यादा प्राइस कट देखने को मिला। भले ही बाजार में 5-7 फीसदी गिरा लेकिन स्टॉक्स में 20-30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। ऐसे में बाजार में स्टॉक पिकिंग का माहौल तो बन रहा है।

वहीं दूसरे तरफ अगर एफआईआई की पोजिशन देखें तो पिछले 4-5 दिनों में बाजार में सेलिंग भी की है और शॉर्टिंग भी की है। उसकी भी कवरिंग से बाजार में रैली चल सकती है।


आईटी और मेटल सेक्टर पर अंडरवेट नजरिया

आईटी सेक्टर पर बात करते हुए मिहिर वोरा ने कहा कि आईटी सर्विसेस का सबसे बड़ा बाजार यूएस मार्केट है। अमेरिका में काफी अनिश्चितता का माहौल है, जो आने वाले 90 दिनों में खत्म होती नजर नहीं आ रही है। यूएस की कॉर्पोरेट स्पेनडिंग की स्लोडाउन आगे भी रहेगी। आईटी सर्विसेस की डिमांड में 5-9 फीसदी की ग्रोथ भले ही आती रहेगी लेकिन इसमें किसी तरह की अपसाइड की उम्मीद नहीं है। मिहिर वोरा ने कहा कि लॉर्जकैप आईटी सेक्टर पर हमारा नजरिया अंडरवेट ही रहा है। क्योंकि हमें नहीं लगता है कि ये हाई ग्रोथ सेक्टर रहा हैं। सेक्टर को अगर हाई ग्रोथ की तरफ जाना है तो कंपनियों को ट्रेडिशनल बिजनेस से बाहर निकलना होगा।

वहीं मेटल सेक्टर पर बात करते हुए मिहिर वोरा ने कहा कि मेटल की कीमतें ग्लोबल सप्लाई-डिमांड से तय होती हैं। ऐसे में ग्लोबल कमोडिटीज से जुड़े शेयरों पर भी हम अंडरवेट ही रहेंगे।

फॉर्मा सेक्टर का मामला पेचीदा

मिहिर वोरा ने कहा कि फॉर्मा सेक्टर का मामला पेचीदा है। भारत में खासकर जो लिस्टेड कंपनियां है उनमें काफी अलग-अलग तरह की कंपनियां है। काफी कंपनी ऐसी है जो डॉमेस्टिक मार्केट में काम करती है। भारत, यूरोप में कारोबार करने वाली फार्मा कंपनियों पर असर नहीं। हालांकि फॉर्मा पर ट्रंप के फैसले के बाद रूख तय करेंगे।

इन सेक्टर पर रखें नजर

ऑटो में SUV, ट्रैक्टर सेगमेंट में लगातार ग्रोथ देखने को मिली। ऑटो में SUV, ट्रैक्टर सेगमेंट में एक्सपोजर है। ऑटो एंसिलियरीज सेक्टर में निवेश फायदेमंद है। मिहिर वोरा ने कहा कि उस तरह के ऑटो एंसिलियरीज कंपनियों पर नजर रखें जहां ग्लोबल एक्सपोजर कम हो उनपर ध्यान दें।

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