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Market View: बाजार में टैरिफ का आफ्टरशॉक रह सकता है जारी, शॉर्ट टर्म में दिखेगी वौलेटिलिटी

मिहिर वोरा का कहना है कि बाजार में वौलेटिलिटी आगे भी जारी रह सकती है । क्योंकि RECIPROCAL TARRIF पर 90 दिन की रोक के बाद भी काफी सारे काउंटर नेगोशिएशन होंगे। लेकिन बाजार में शॉर्ट टर्म में वौलेटिलिटी (उतार-चढ़ाव) जरुर रहेगा।

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 14, 2025 पर 9:29 AM
Market View: बाजार में टैरिफ का आफ्टरशॉक रह सकता है जारी, शॉर्ट टर्म में दिखेगी वौलेटिलिटी
Q4 अर्निंग पर बात करते हुए मिहिर वोरा ने कहा कि बाजार Q4 अर्निंग को लेकर पहले से ही कम उम्मीद लगाकर चल रहा है।

बाजार की आगे की चाल पर बात करते हुए ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के CIO मिहिर वोरा का कहना है कि बाजार में वौलेटिलिटी आगे भी जारी रह सकती है । बाजार में टैरिफ का आफ्टरशॉक जारी रह सकता है। क्योंकि RECIPROCAL TARRIF पर 90 दिन की रोक के बाद भी काफी सारे काउंटर नेगोशिएशन होंगे। यहीं वजह है कि बाजार में शॉर्ट टर्म में वौलेटिलिटी (उतार-चढ़ाव) जरुर रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि बॉन्ड मार्केट में गिरावट के बाद यूएस ने RECIPROCAL TARRIF पर 90 दिन की रोक लगाने का फैसला किया। ये फैसला यह बताता है कि ट्रंप टैरिफ वार को लेकर कोई फैसला जल्द करेंगे वह शायद इसके लिए 90 दिनों का इंतजार भी ना करें। साफ बात है कि यूएस अगर अपनी फिस्कल डेफिसिट नहीं घटाएगा तो बॉन्ड प्राइसिंग में प्रॉब्लम होगी। यूएस में महंगाई की आशंका बढ़ती जा रही है। उसके बाद भी ट्रंप ने टैक्स में कटौती की है, लेकिन फिस्कल डेफिसिट घटाने की बाद नहीं की। अगर ऐसा रहा तो बॉन्ड यील्ड ऊपर रहेंगे और अमेरिकी को फ्यूचर में और तकलीफ होगी।

मिहिर वोरा ने कहा कि अगर दुनिया स्लोडाउन की तरफ जा रही है तो लिक्विडिटी बहुत ज्यादा पंप (खींचाव)होने की संभावना है। क्योंकि डॉलर में कमजोरी और सोने में उछाल ये हमें साफ दिखा रहे हैं।  इस स्थिति में भारत जैसा देश जो एक्सपोर्ट पर ज्यादा निर्भर नहीं करता उनको रिस्क फ्लो और रिस्क एसेट आ सकते है। जिसके चलते भारतीय बाजार में डाउनसाइड कम हो सकता है। हालांकि उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

Q4 अर्निंग से उम्मीद कम

Q4 अर्निंग पर बात करते हुए मिहिर वोरा ने कहा कि बाजार Q4 अर्निंग को लेकर पहले से ही कम उम्मीद लगाकर चल रहा है। सिंगल डिजिट निफ्टी अर्निंग की उम्मीद है। क्योंकि जिस तरह से सितंबर से लेकर फरवरी तक वैल्यूएशन को लेकर करेक्शन हुई थी, उसके बाद बाजार Q4 अर्निंग पर ज्यादा फोकस नहीं कर रहा। मेरा मानना है कि बाजार के लिए Q1 (जून तिमाही) FY26 (सितंबर क्वांटर) काफी अहम होगा और इसमें अर्निंग में बढ़ोतरी संभव है।

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