Market Views: शॉर्ट टर्म में बाजार से बढ़िया रिटर्न बनाना मुश्किल, कंपनियों के अर्निंग्स पर बनी रहेगी नजर

रूपेश पटेल (Rupesh Patel) ने कहा कि साल के पहले 6 महीने काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। न्यूज फ्लो, जियो-पॉलिटिकल टेंशन का असर देखने को मिला। हालांकि अब मार्केट करेक्शन से उभर चुका है । बाजार को टाइम करना हमेशा मुश्किल रहा है। सरकार की फिस्कल पॉलिसी पॉजिटिव है। RBI मॉनेटरी पॉलिसी का असर देखने को मिला

अपडेटेड Jul 05, 2025 पर 10:06 AM
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न्होंने आगे कहा कि पावर स्पेस की डिमांड लगातार बढ़ रही है। सरकार का 2030 तक 500 GW रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का लक्ष्य है।

Market Views:  वीकली आधार पर बाजार ने 04 जुलाई को खत्म हुए सप्ताह में 2 हफ्ते की बढ़त गंवाई है। Sensex और Nifty 1-1% गिरे बाजार की आगे की चाल और निप्पॉन इंडिया ग्रोथ फंड पर बात करते हुए Nippon India MF के फंड मैनेजर रूपेश पटेल (Rupesh Patel) ने कहा कि साल के पहले 6 महीने काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। न्यूज फ्लो, जियो-पॉलिटिकल टेंशन का असर देखने को मिला। हालांकि अब मार्केट करेक्शन से उभर चुका है । बाजार को टाइम करना हमेशा मुश्किल रहा है। सरकार की फिस्कल पॉलिसी पॉजिटिव है। RBI मॉनेटरी पॉलिसी का असर देखने को मिला।कैपेक्स का आउटलुक पॉजिटिव है और कंज्यूमर डिमांड बढ़ रही है। डिमांड को को पे-कमीशन, टैक्स कट, रेट कट का सपोर्ट मिला। मॉनसून अच्छा रहने की उम्मीद है । लंबी अवधि में भारत एक ग्रोथ स्टोरी है। मीडियम टू लॉन्ग टर्म के लिए पॉजिटिव व्यू है।

बाजार के लिए रिस्क पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन बड़ा रिस्क है। US से टैरिफ इश्यू को लेकर कंसर्न है ।ग्लोबल इवेंट्स का असर संभव है जबकि शॉर्ट टर्म में बढ़िया रिटर्न संभव नहीं है। बाजार में वैल्युएशन रिस्क भी है। अर्निंग एक्सपेक्टेशन पूरी नहीं हुईं तो असर संभव है ।

अभी मिडकैप में निवेश सही? उन्होंने आगे कहा कि अभी मिडकैप में निवेश करने की सलाह है। कैटेगरी नहीं, इंडिविजुअल स्टॉक पर फोकस करें। ग्रोथ ओरिएंटेड पोर्टफोलियो के लिए फंड सही है। फंडामेंटल्स पर फोकस करने की सलाह होगी। ग्रोथ, वैल्युएशन के हिसाब से स्टॉक्स पर फोकस बना है। रिस्क-रिवॉर्ड के आधार पर स्टॉक्स सेलेक्शन करें। स्टॉक्स की क्वालिटी, ग्रोथ पोटेंशियल पर फोकस करें। हर स्टॉक का अलग से विश्लेषण होता है।

किन थीम पर फोकस? कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी सेक्टर पर फोकस करें। फाइनेंशियल सेक्टर में एक्सपोजर है। पावर और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश किया। उन्होंने कहा कि रिटेल कंपनियां, कंज्यूमर ड्यूरेबल की डिमांड बढ़ रही। क्विक सर्विस रेस्टोरेंट स्पेस में एक्सपोजर हुआ। कंज्यूमर सेक्टर की डिमांड, नई कैटेगरी बन रही हैं। सेक्टर में प्रीमियमाइजेशन का ट्रेंड है। उन्होंने आगे कहा कि पूरे फाइनेंशियल इकोसिस्टम में निवेश का नजरिया है। स्मॉल बैंक और NBFCs में एक्सपोजर है । कैपिटल मार्केट लिंक्ड कंपनियों में एक्सपोजर है। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों में एक्सपोजर रहा। लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों में निवेश किया । जनरल इंश्योरेंस कंपनियां बढ़िया है।


उन्होंने आगे कहा कि पावर स्पेस की डिमांड लगातार बढ़ रही है। सरकार का 2030 तक 500 GW रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी का लक्ष्य है। कन्वेंशनल और रिन्यूएबल एनर्जी में संभावनाएं है। पावर जनरेशन, पावर फाइनेंसिंग में निवेश करें। इंफ्रास्ट्रक्चर और इक्विपमेंट सप्लाई स्पेस में भी अच्छे मौके है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

MoneyControl News

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First Published: Jul 05, 2025 10:06 AM

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