Mazagon dock share : मझगांव डॉक (MAZAGON DOCK) के पहली तिमाही के नतीजे कमजोर रहे हैं। पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 35 फीसदी घटा है। मार्जिन भी 27 फीसदी से घटकर 11 फीसदी पर आ गई हैं। कॉस्ट बढ़ने और कमजोर एग्जीक्यूशन से मुनाफे पर असर दिखा है। पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा सालाना आधार पर 35 फीसदी घटकर 452 करोड़ रुपए पर रहा है। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 696 करोड़ रुपए पर रहा था।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी की आय भी सालाना आधार पर 11.4 फीसदी की गिरावट के साथ 2,625.5 करोड़ रुपए पर रही है। इसके पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी आय 2,357 करोड़ रुपए रही थी। इस अवधि में कंपनी की EBITDA भी सालाना आधार पर 53 फीसदी घटकर 301 करोड़ रुपए रहा है। वहीं, EBITDA 27.4 फीसदी से घटकर 11.4 फीसदी पर रहा है।
लागत बढ़ने और ऑर्डर मिक्स से मार्जिन पर दबाव
कंपनी के नतीजों पर बात करते हुए मझगांव डॉक (Mazagon dock) के शिप बिल्डिंग डिवीजन के डायरेक्टर बीजू जॉर्ज (Biju George) ने कहा कि सितंबर 2023 के बाद कंपनी के मुनाफे पर दबाव देखने को मिल रहा है। लागत बढ़ने और कमजोर एग्जीक्यूशन से मुनाफे पर असर आया है। लागत बढ़ने और ऑर्डर मिक्स से मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है।
कॉस्ट बढ़ने से कंपनी के मार्जिन पर दबाव
उन्होंने आगे कहा कंपनी की चालू परियोजनाओं के लिए किए गए प्रावधान (प्रॉविजनिंग) और मटेरियल और कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ने से कंपनी के मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है। लेकिन वाले तिमाहियों में इस तरह के किसी भी प्रावधान की संभावना नहीं है। इसके चलते आगे कंपनी के मार्जिंन में सुधार देखने को मिल सकता है। मॉनसून के बाद ओएनजीसी से मिले प्रोजेक्ट का एग्जीक्यूशन शुरू हो जाएगा। इससे कंपनी की आय में भी बढ़त होती दिखेगी।
पूरी दुनिया में शिप बिल्डिंग बूम
बीजू जॉर्ज ने आगे कहा कि भारत सहित पूरी दुनिया में इस समय शिप बिल्डिंग बूम देखने को मिल रहा है। इसके चलते शिप बिल्डिंग कंपनियों को मटेरियल सप्लाई करने वाली कंपनियों ने कीमतें बढ़ा दी हैं। इसका असर शिप बिल्डर कंपनियों के मार्जिन पर देखने को मिल रहा है। यह शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा चैलेंज है।