देश की सबसे बड़ी कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज MCX के शेयर एक कारोबारी दिन पहले गुरुवार 28 सितंबर को 9 फीसदी से अधिक उछल गए थे लेकिन आज स्थिति पलट गई है। आज इसके शेयर करीब 9 फीसदी टूट गए। इससे पहले दो दिन में यह 10 फीसदी से अधिक मजबूत हुआ था। फिर एकाएक क्या बदल गया जो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के शेयरों में बिकवाली का तेज दबाव दिखा? इसकी वजह बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का एक फैसला है। हालांकि फिर धीरे-धीरे मजबूत मार्केट सेंटिमेंट में इसने अच्छी-खासी रिकवरी की लेकिन दिन के आखिरी में बीएसई पर यह 2.43% की गिरावट के साथ 2049.30 रुपये (MCX Share Price) पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह 1914.60 रुपये तक आ गया था।
MCX के शेयरों में तेजी क्यों थी और आज फिर गिरावट क्यों
शेयर बाजारों को MCX ने पहले जानकारी भेजी थी कि उसका एक नया वेब आधारित कमोडिटी डेरिवेटिव प्लेटफॉर्म (CDP) 3 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। इसके चलते 28 सितंबर तो इसके शेयर एक साल के हाई 2,119.60 रुपये पर पहुंच गया था। हालांकि अब सेबी ने इस एक्सचेंज की योजना पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दिया है यानी MCX का नया टेक प्लेटफॉर्म 3 अक्टूबर को लॉन्च नहीं हो पाएगा। इसने इसके शेयरों पर दबाव बनाया है। एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक यह रोक टेक्निकल वजहों से लगी है और इसे लेकर सेबी के टेक्निकल एडवायजरी कमेटी के साथ बैठक में चर्चा की जाएगी। ऐसे में सेबी ने MCX को अपना नया टेक प्लेटफॉर्म अभी नहीं लाने की सलाह दी।
MCX का कहना है कि सेबी से अनुमति मिलते ही इसका नया प्लेटफॉर्म चालू होने होने के लिए तैयार है, इसलिए सेबी के मामले में अगले निर्देश मिलने तक यह CDP का मॉक टेस्ट आयोजित करना जारी रखेगी। यह नया प्लेटफॉर्म दिसंबर तक लॉन्च होने वाला था लेकिन फिर इसे तीन महीने पहले ही अक्टूबर में लॉन्च करने का फैसला किया गया। जून के आखिरी में MCX ने इसके लिए 63 मून्स के साथ प्रति तिमाही 125 करोड़ रुपये के भाव से अगले 6 महीने के लिए सपोर्ट सर्विस कांट्रैक्ट बढ़ा दिया।
ब्रोकरेज का क्या है रुझान
एनालिस्ट्स के मुताबिक ऑप्शनन्स में MCX की ग्रोथ बहुत तेज दिखी है लेकिन टेक्नोलॉजी में बदलाव में अनिश्चितता पर इसमें काफी उतार-चढ़ाव भी है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अमित चंद्र की 27 सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक टेक्नोलॉजी में बदलाव होने के बाद निवेशकों का फोकस प्रोडक्ट लॉन्च, वॉल्यूम ग्रोथ और मुनाफे में सुधार पर हो जाएगा। ब्रोकरेज ने इसके वित्त वर्ष 2025/2026 के EPS अनुमान में 8-9 फीसदी की बढ़ोतरी की है। ऑप्शन्स में उछाल और टेक्नोलॉजी शिफ्ट को लेकर ब्रोकरेज ने इसका टारगेट प्राइस 2400 रुपये फिक्स किया है।
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