MFI shares: RBI ने NBFCs को दी बड़ी राहत दी है। बैंकों की ओर से NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर रिस्क वेटेज 125 फीसदी से घटाकर वापस 100 फीसदी कर दिया गया है। इसका मतलब ये है कि ज्यादा जोखिम वाले लोन पर कुछ समय पहले कसी गई लगाम अब थोड़ा ढ़ीली कर दी गई है। नया रिस्क वेटेज 1 अप्रैल से लागू होगा। इसके अलावा कंज्यूमर क्रेडिट पर भी रिस्क वेटेज घटाया गया है। बता दें कि RBI ने नवंबर 2023 में रिस्क वेटेज बढ़ाया था। रिस्क वेटेज बढ़ने से लोन की लागत बढ़ गई थी। RBI ने क्यों बढ़ाया था रिस्क वेटेज, इसकी बात करें तो ज्यादा जोखिम वाले लोन पर लगाम कसने को लिए ये फैसला लिया गया था। रिस्की लोन की पर्याप्त प्रोविजनिंग के लिए ये फैसला लिया गया था।
इस खबर के चलते 27 फरवरी के कारोबारी सत्र में बंधन बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, फ्यूजन फाइनेंस समेत दूसरे शेयरों में 8 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। बंधन बैंक के शेयर शुरुआती कारोबार में एनएसई पर 8.15 फीसदी बढ़कर 146.38 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए। बाद में, इसने कुछ गिरावट आई। फिलहाल ये शेयरप 6.55 फीसदी की बढ़त के साथ 144.20 रुपये के आसपास दिख रहा। एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने आज के कारोबारी सत्र में 2 फीसदी की बढ़त के साथ गैप-अप ओपनिंग की थी। इस काउंटर ने भी 4.69 फीसदी की बढ़त के साथ 548.85 रुपये का इंट्राडे हाई छुआ।
रिस्क वेटेज बढ़ने से लोन की लागत बढ़ गई थी। वहीं, अब इसको कम करने से कर्ज की लागत कम होगी। रिस्क वेटेज घटने से बैंकों को अब कम पैसा रिजर्व में रखना होगा। रिस्क वेट जितना ज्यादा होता है उतनी ज्यादा प्रोविजनिंग करनी होती है। अब बैंक, NBFCs को ज्यादा पैसा दे पाएंगे। बदले में NBFCs और माइक्रोफाइनेंस ज्यादा लोन दे पाएंगे।
NBFCS/MFIS शेयरों पर CITI की राय
ग्लोबल ब्रोकरेज सिटी का कहना है कि RBI से NBFCs को बड़ी राहत मिली है। बैंकों से NBFCs को दिए जाने वाले लोन पर पुराना रिस्क वेटेज बहाल कर दिया गया है। रिस्क वेटेज 125 फीसदी से घटाकर वापस 100 फीसदी कर दिया गया है। ज्यादा NBFC एक्सपोजर वाले बैंक को रिस्क वेटेज असेट पर राहत मिलेगी। इससे BOB को 45bps तो फेडरल बैंक/PNB को 35-40bps का फायदा संभव है। अधिक MFI एक्सपोजर वाले बंधन/IDFC फर्स्ट बैंक, RBL पर रिस्क वेटेज बढ़ने का असर पड़ा था। बंधन/IDFCFB/RBL 360bps/100bps//45bps + का असर पड़ा था। अब इनको राहत मिलेगी। आरबीआई के इस फैसले से NBFCs/MFI सेगमेंट को क्रेडिट इनफ्लो बढ़ेगा। अब NBFCs कम दरों पर कर्ज ले पाएंगे। इससे MMFS/Chola/बजाज फाइनेंस/श्रीराम फाइनेंस जैसे NBFCs को फायदा होगा।