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Midcap IT stocks : मिडकैप आईटी में दिखी जोरदार तेजी, जानिए आगे कैसी रह सकती है इनकी चाल

Midcap IT stocks : विदेशी संस्थागत निवेशकों ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान मिडकैप आईटी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। एफआईआई की होल्डिंग में यह बदलाव का मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए काफी अहम है। लेकिन बाजार जानकारों का कहना है कि सेल्स में मजबूत बढ़त और बेहतर मार्जिन के बावजूद अब शॉर्ट से मीडियम टर्म में मिडकैप आईटी कंपनियों के खराब प्रदर्शन करने का जोखिम बढ़ गया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 04, 2023 पर 11:55 AM
Midcap IT stocks : मिडकैप आईटी में दिखी जोरदार तेजी, जानिए आगे कैसी रह सकती है इनकी चाल
Midcap IT stocks : बाजार जानकारों की राय है कि रिटेल निवेशकों को इस समय आईटी शेयरों लंबी अवधि के नजरिए से धीरे-धीरे किस्तों में खरीद करनी चाहिए। आईटी शेयरों में एसआईपी के जरिए निवेश करना भी अच्छा विकल्प है

Midcap IT stocks : भारत की मिडकैप आईटी कंपनियों ने पिछले 1-2 सालों में लार्ज-कैप आईटी कंपनियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। मिडकैप आईटी को बिक्री और मुनाफे में जोरदार बढ़त का फायदा मिला है। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, साइएंट और कोफोर्ज जैसी मिडकैप आईटी कंपनियों ने टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल टेक और टेक महिंद्रा जैसी टियर-1 दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है। इसका श्रेय बढ़ते डिजिटलीकरण और कोविड महामारी के बाद तकनीकी अपग्रेडेशन में कंपनियों द्वारा किए जाने वाले खर्च में बढ़त को जाता है।

इसके अलावा मजबूत डील पाइपलाइन, नई डील में बढ़त और नौकरी छोड़ने की दर में कमी के कारण भी मिडकैप आईटी को बढ़त मिली है। इन कारणों की वजह से मिडकैप आईटी के मार्जिन में सुधार हुआ है। इन कंपनियों को इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट, हेल्थ केयर और परिवहन जैसे खास सेक्टरों में हुए इंटीग्रेशन से भी फायदा हुआ है।

इन बातों तो देखते हुए विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान इन मिडकैप आईटी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा दी है। एफआईआई की होल्डिंग में यह बदलाव का मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए काफी अहम है।

लेकिन बाजार जानकारों का कहना है सेल्स में मजबूत बढ़त और बेहतर मार्जिन के बावजूद अब शॉर्ट से मीडियम टर्म में मिडकैप आईटी कंपनियों के खराब प्रदर्शन करने का जोखिम बढ़ गया है। इस जोखिम की वजह दिग्गज आईटी कंपनियों के कमजोर गाइडेंस का देर से दिखने वाला असर है जो मिडकैप आईटी पर भी निगेटिव असर डाल सकता है।

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