Midwest IPO Listing: नेचुरल स्टोन्स का बिजनेस करने वाली मिडवेस्ट के शेयरों की आज घरेलू मार्केट में धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 92 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹1065 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE पर इसकी ₹1165.10 और NSE पर ₹1,165.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 9% से अधिक लिस्टिंग गेन (Midwest Listing Gain) मिला। लिस्टिंग के बाद शेयर और ऊपर चढ़े। उछलकर BSE पर यह ₹1189.50 (Midwest Share Price) पर पहुंच गया। दिन के आखिरी में बीएसई पर यह ₹1141.10 पर बंद हुआ है यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 7.15% मुनाफे में हैं। एंप्लॉयीज अधिक फायदे में हैं क्योंकि उन्हें हर शेयर ₹101 के डिस्काउंट पर मिला है।
Midwest IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च
मिडवेस्ट का ₹451.00 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 15-17 अक्टूबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का धांसू रिस्पांस मिला और ओवरऑल यह 92.36 गुना सब्सक्राइब हुआ। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 146.99 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 176.57 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 25.52 गुना और एंप्लॉयीज का हिसा 25.80 गुना भरा था। इसके आईपीओ के तहत ₹250 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹5 की फेस वैल्यू वाले 18,87,323 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री हुई है।
ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए इसके प्रमोटर कोल्लारेड्डी रामा राघव रेड्डी और गुंटका रविंद्रा रेड्डी अपनी हिस्सेदारी हल्की की है। ऑफर फॉर सेल का पैसा शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर यानी प्रमोटर संजय नामदेव सालुंके को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹127.05 करोड़ कंपनी की पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडरी मिडवेस्ट नियोस्टोन के क्वार्ट्ज प्रोसेसिंग प्लांट में दूसरे चरण के कैपिटल एक्सपेंडिचर, ₹25.76 करोड़ मिडवेस्ट और इसकी सब्सिडरी एपीजीएम के लिए इलेक्ट्रिक डंप ट्रकों की खरीदारी, ₹3.26 करोड़ कंपनी के कुछ माइन में सोलर एनर्जी के इंटीग्रेशन, ₹53.8 करोड़ कंपनी और इसकी सब्सिडिरी एपीजीएम के कर्ज को हल्का करने और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।
वर्ष 1981 में बनी मिडवेस्ट नेचुरल स्टोन्स के बिजनेस में है। कंपनी इनकी खोज करती है, माइनिंग करके प्रोसेसिंग करती है और फिर देश-विदेश में बेचती है। यह ब्लैक गैलेक्सी ग्रेनाइट के बिजनेस में है जो अपने चमकदार सुनहरे गुच्छों के लिए मशहूर एक खास प्रकार का ग्रेनाइट है। मिडवेस्ट की तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में एक-एक ग्रेनाइट प्रोसेसिंग फैसिलिटी है। साथ ही आगे की ग्रोथ के लिए इसने ऑपरेशनल बेस के अलावा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में 25 जगहों पर मजबूत रिसोर्स बेस तैयार किया है। इसके प्रोडक्ट्स का 17 देशों में निर्यात होता है और इसके कारोबार के लिए चीन, इटली और थाईलैंड अहम देश हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2023-2025 में शुद्ध मुनाफा सालाना 56.48% की चक्रवृद्धि रफ्तार (CAGR) से बढ़कर ₹133.30 करोड़ और टोटल इनकम 10.97% के सीएजीआर से उछलकर ₹643.14 करोड़ पर पहुंच गया। इस वित्त वर्ष 2026 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025 में इसे ₹24.38 करोड़ का शुद्ध मुनाफा और ₹146.47 करोड़ की टोटल इनकम हासिल हो चुकी है। जून तिमाही के आखिरी में इस पर ₹270.11 करोड़ का टोटल कर्ज था और रिजर्व और सरप्लस में ₹625.60 करोड़ पड़े थे।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।