गेट रिच विद सौरभ मुखर्जी पॉडकास्ट में डर से भरे बाजार में मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के फाउंडर और चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफीसर सौरभ मुखर्जी आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ जुड़े। सौरभ मुखर्जी की राय है। कोविड के बाद से 3 साल तक बाजार खूब चला। नतीजों से अच्छे संकेत नहीं मिले हैं।Q3 और Q4 में भी नतीजे कमजोर रह सकते हैं। जियोपॉलिटिकल टेंशन और चुनाव से भी अनिश्चितता का माहौल है।बाजार का वैल्युएशन महंगा है। अर्निंग्स ग्रोथ की भी चिंता है। अक्टूबर में FIIs ने 12-13 बिलियन डॉलर बाजार से निकाले हैं। इन सब वजहों से बाजार अब तीन साल की तेजी के बाद सिक्लिकल करेक्शन के दौर में है।
आगे मिडकैप में लार्जकैप से ज्यादा करेक्शन देखने को मिलेगा
सौरभ मुखर्जी ने कहा कि हम 3 करोड़ डीमैट से आज 17 करोड़ डिमैट खातों तक पहुंच गए हैं। सरकारी कैपेक्स में थोड़ा धीमपन आया है। अच्छे नतीजे वाली कंपनियों पर बाजार पर फोकस है। सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के दम पर कई मिडकैप शेयर काफी चले हैं। आगे मिडकैप में लार्जकैप से ज्यादा करेक्शन देखने को मिलेगा। रैली के लिहाज से स्मॉलकैप ज्यादा नहीं गिरे हैं। 3 साल में स्मॉलकैप की तेजी निफ्टी से ज्यादा रही है। ऐसे में अगले 6 महीने में स्मॉलकैप में सबसे ज्यादा करेक्शन मुमकिन है।
कमजोर क्वालिटी वाले शेयरों की रैली में निवेश करने से बचें
उन्होंने आगे कहा कि कोविड के बाद रोड, रेल, डिफेंस में सरकारी कैपेक्स काफी बढ़ा था। डिफेंस,रेलवे,स्वास्थ्य में कैपेक्स लगभग डबल हो गया था। लोकसभा चुनाव के बाद कैपेक्स में सुस्ती दिखी है। 2009 के बुल रन में कम क्वालिटी वाले शेयर भी चढ़े। 2017 में कम क्वालिटी वाले NBFCs में भी बुल रन दिखा। उसके बाद 2018 में यस बैंक और DHFL के शेयर में भारी गिरावट आई। कमजोर क्वालिटी वाले शेयरों की रैली में निवेश करने से बचें। HDFC BK, ASIAN PAINTS, DIVIS जैसे अच्छे शेयरों में निवेश किया है तो बने रहें।
अगले एक दशक में क्वालिटी वाले शेयरों में ही होगी कमाई
शॉर्ट रन में आकर्षण दिखेगा लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। ज्यादा रिटर्न के लालच से बचना चाहिए। अगले एक दशक में क्वालिटी वाले शेयरों में ही कमाई होगी। भारत में क्वालिटी शेयरों में अच्छा पैसा बनता है। निवेश से पहले फाइनेंशियल सलाहकारों से राय लें। निवेश के जरिए अपना लक्ष्य तय करना जरूरी है। ध्याम रखिए की देश का 98 फीसदी प्रॉफिट टॉप 7000 कंपनियों से आती है। ऊपर 1000 कपनियों को छोड़ कर जो 6000 कंपनियां हैं इनकी प्रॉफिट ग्रोथ पिछले 4 साल से 25 फीसदी पर भाग रही है। ये इंडिया की चैलेंजर कंपनियां हैं। ये सबसे ज्यादा ग्रोथ दिखला रही हैं और अगला दस साल इन्हीं का है। इनमें से बहुत सारी कंपनियां अनलिस्टेड हैं। अगले 5-10 साल में इनमें से कई के आईपीओ भी आएंगे।
दक्षिण भारत में अच्छी पैठ रखने वाली कंपनियों में होगी खूब कमाई
सौरभ ने आगे कहा कि भारत के लिए अगला दशक बेहतर रहेगा। दक्षिण भारत इंडिया का ही नहीं पूरी दुनिया का सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला रीजन बन गया है। देश की आबादी में दक्षिण भारत का योगदान सिर्फ 25 फीसदी है। लेकिन देश की GDP में दक्षिण भारत की 65 फीसदी भागीदारी रहती है। ऐसे में एशियन पेंट और कल्याण ज्वेलर्स जैसी दक्षिण भारत पर फोकस करने वाली कंपनियों में निवेश से आगे पैसा जरूर बनेगा।
महिलाएं ग्रोथ में निभाएंगी अहम भूमिका, महिलाओं की पसंद वाली कंपनियों में निवेश से बनेगा पैसा
आरबीआई के आकड़ों से पता चलता है कि बैंकों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं के ज्यादा पैसे जमा हैं। देश में महिलाएं तमाम बड़े-बड़े पदों पर हैं। इनकी पढ़ाई लिखाई भी पुरुषों की तुलना में अच्छी है। इनके वेतन भी पुरुषों से ज्यादा हैं। ऐसे में आगे महिलाओं के पसंद वाली कंपनियों में निवेश से फायदा मिलेगा। ट्रेंट का शेयर इसका उदाहरण है।
गिरावट में अच्छे शेयरों में करें निवेश
पीएसयू शेयरों पर बात करते हुए सौरभ ने कहा कि अगर आगामी बजट में कोई बड़े एलान नहीं होते हैं तो डिफेंस शेयरों में भारी करेक्शन संभव है। आगे PSUs के अर्निंग ग्रोथ पर दबाव संभव है। अब भारत में क्वालिटी की परख वाला ही पैसे बनाएगा। ज्यादा रिटर्न की लालच से बचना चाहिए। LOW क्वालिटी रैली में निवेश करने से बचें। भारत इस समय सिक्लिकल डाउन ट्रेंड में हैं। इस गिरावट में अच्छे शेयरों में निवेश का मौका मिलेगा। इस मौके का फायदा उठाएं।
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