Mono Pharmacare IPO Listing: दवाईयां बेचने वाली मोनो फार्माकेयर (Mono Pharmacare) के आईपीओ को खुदरा निवेशकों के दम पर शानदार सब्सक्रिप्शन मिला था लेकिन इसकी लिस्टिंग फीकी रही। इसका आईपीओ 13 गुना से अधिक भरा था और आईपीओ निवेशकों को 28 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म NSE SME पर इसकी 29 रुपये के भाव पर एंट्री हुई यानी आईपीओ निवेशकों को महज 3.57 फीसदी लिस्टिंग गेन (Mono Pharmacare Listing Gain) मिला। हालांकि लिस्टिंग के बाद शेयर ऊपर चढ़े हैं और 30.45 रुपये (Mono Pharmacare Share Price) के अपर सर्किट पर पहुंच गए और इसी लेवल पर बंद हुए यानी कि आईपीओ निवेशक करीब 9 फीसदी मुनाफे में हैं।
Mono Pharmacare IPO में खुदरा निवेशकों ने जमकर लगाए पैसे
मोनो फार्माकेयर का 14.84 करोड़ रुपये का आईपीओ 28-30 अगस्त तक खुला था। इस आईपीओ में खुदरा निवेशकों ने जमकर पैसे लगाए थे और उनके लिए आरक्षित हिस्से को 19.40 गुना बोली मिली थी। क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (QIB) का हिस्सा 10.89 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 8 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ओवरऑल यह इश्यू 13.42 गुना भरा था। आईपीओ के तहत कंपनी ने 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 53 लाख नए शेयर जारी किए हैं। इन शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आम कॉरपोरेट उद्देश्यों और आईपीओ से जुड़े खर्चों को पूरा करने में होगा।
मोनो फार्माकेयर फार्मा प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन बिजनेस में है। यह हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स, एंटीबॉयोटिक दवाएं, कफ कोल्ड एंटी एलर्जिक दवाएं, एंटीफंगल दवाएं, न्यूट्रासियूटिकल दवाएं, एनाल्जेसिक और एंटीपारयेरिट दवाएं, एंटासिड और एंटीमेटिक्स दवाएं, हृदय-मधुमेह दवाएं और कॉस्मोकेयर प्रोडक्ट्स मुहैया कराती है। यह कांट्रैक्ट मैनुफैक्चरर्स के साथ मिलकर फार्मा प्रोडक्ट्स तैयार करती है और फिर उसे डीएलएस एक्पोर्ट के ब्रांड नाम के तहत बेचती है। डीएलएस एक्सपोर्ट को इसने 6.09 करोड़ रुपये में खरीदा था। फरवरी 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसके नेटवर्क में 168 फार्मा कंपनियां डिस्ट्रीब्यूटर्स और स्टॉकिस्ट के रूप में हैं और इसके 3036 खुदरा और थोक विक्रेता नेटवर्क में हैं।