Market Outlook: बीते सप्ताह 10-24% तक लुढ़क गए 40 से ज्यादा स्मॉलकैप शेयर, आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Market Outlook: विदेशी संस्थागत निवेशकों ने लगातार छठे सप्ताह अपनी बिकवाली जारी रखी। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 16वें सप्ताह में अपनी खरीदारी जारी रखी। BSE स्मॉल-कैप इंडेक्स लगभग 2 प्रतिशत लुढ़क गया

अपडेटेड Aug 10, 2025 पर 4:41 PM
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ब्रॉडर इंडेक्स ने फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया और लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट जारी रही।

विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी रहने और अमेरिकी टैरिफ से जुड़ी चिंताओं के बीच शुक्रवार, 8 अगस्त को शेयर बाजार में भारी गिरावट आई। बीएसई सेंसेक्स 765.47 अंक या 0.95 प्रतिशत गिरकर 79,857.79 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 232.85 अंक या 0.95 प्रतिशत गिरकर 24,363.30 पर बंद हुआ। बाजार में लगातार छठे कारोबारी सप्ताह में गिरावट दर्ज की गई। पूरे हफ्ते में बीएसई सेंसेक्स 742.12 अंक या 0.92 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी 202.05 अंक या 0.82 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

ब्रॉडर इंडेक्स ने फ्रंटलाइन इंडेक्स की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया और लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट जारी रही। बीएसई लार्ज-कैप और मिड-कैप इंडेक्स में 1-1 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स लगभग 2 प्रतिशत लुढ़क गया। इस बीच 40 से ज्यादा स्मॉलकैप शेयर 10-24% लुढ़क गए। साथ ही 40 से ज्यादा शेयर 6-22 प्रतिशत तक उछल गए।

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विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने लगातार छठे सप्ताह अपनी बिकवाली जारी रखी और 10,652.47 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 16वें सप्ताह में अपनी खरीदारी जारी रखी और 33,608.66 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। अगस्त में अब तक, FII ने 14,018.87 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं और DII ने 36,795.52 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

आगे बाजार में अस्थिरता बनी रहने का अनुमान

जियोजित इनवेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर का कहना है, "जुलाई से, भारतीय शेयर बाजार कंसोलिडेशन के दौर से गुजर रहा है, जो ट्रेड-संबंधित चुनौतियों के कारण निवेशकों के कमजोर सेंटिमेंट को दर्शाता है। अमेरिकी टैरिफ में बढ़ोतरी और कंपनियों की तिमाही आय के निराशाजनक प्रदर्शन ने बाजार के विश्वास को कमजोर किया है। FII लगातार बिकवाली कर रहे हैं। रुपये में लगातार गिरावट ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है।"

आगे कहा, "इन प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, RBI की ओर से मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता की पुष्टि, घरेलू ग्रोथ पर आशावादी रुख और महंगाई में कमी के शुरुआती संकेतों से निगेटिव रिस्क कुछ हद तक कम हो गए। आगे बाजार में अस्थिरता बनी रहने का अनुमान है। भारत और अमेरिका, दोनों के आने वाले महंगाई आंकड़े निवेशकों की उम्मीदों को आकार देने में अहम रोल निभाएंगे।"

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निफ्टी50 किस दिशा में जा रहा है?

रेलिगेयर ब्रोकिंग में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट-रिसर्च अजीत मिश्रा का कहना है, 'टैरिफ की स्थिति को लेकर बनी अनिश्चितता और FII की लगातार बिकवाली ने बाजार के सेंटिमेंट पर असर डाला है। 100-डे EMA 24,600 के करीब है। इसने पहले सपोर्ट का काम किया था, लेकिन अब इमीडिएट रेजिस्टेंस का काम कर रहा है। निफ्टी का 24450 से नीचे बंद होना करेक्टिव फेज के जारी रहने का संकेत देता है। 200-डे EMA 24,200 के करीब है। यह एक संभावित रीटेस्ट हो सकता है। ट्रेडर्स को सलाह दी जाती है कि वे रिस्क मैनेजमेंट पर अधिक जोर देते हुए अपनी पोजिशन को उस हिसाब से अलाइन करें।'

एलकेपी सिक्योरिटीज में सीनियर टेक्निकल एनालिस्ट रूपक डे का कहना है कि शॉर्ट टर्म रुझान कमजोर बना हुआ है। निफ्टी 24150-24200 तक गिर सकता है। ऊपरी स्तर पर 24475-24500 पर रेजिस्टेंस देखा जा रहा है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज में सीनियर टेक्निकल रिसर्च एनालिस्ट नागराज शेट्टी के मुताबिक, निफ्टी का अंडरलाइंग ट्रेंड कमजोर बना हुआ है। अगले हफ्ते तक 24200-24000 के आसपास अगले निचले स्तर देखे जा सकते हैं। हालांकि 24500 की बाधा तक कोई भी पुलबैक, तेजी पर बिकवाली का मौका हो सकता है।

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