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मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 90% से ज्यादा स्टॉक 200 डीएमए से ऊपर, हो जाएं सतर्क या अभी भी हैं खरादारी के मौके!

Equity markets : वर्तमान में, निफ्टी 500 इंडेक्स में लगभग 452 या 90 फीसदी कंपनियां, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में लगभग 95 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 90 कंपनियां 200 डीएमए से ऊपर कारोबार कर रही हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि इससे संकेत मिलता है कि संभवत: ये स्टॉक ओवरबॉट जोन में हैं। 200-डीएमए टेक्निकल विश्लेषण का एक अहम इंस्ट्रूमेंट है

अपडेटेड Sep 11, 2023 पर 11:51 AM
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Buzzing Stocks : बाजार इस समय एक स्ट्रक्चरल बुल रन में है। इसमें किसी तरह की बुलबुला नहीं है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में 200 डीएमए स्तर से ऊपर कारोबार करने वाले स्टॉक्स को देखकर बुलिश ट्रेडर्स के मन में अब डर जरूर पैदा हो रहा है

Equity markets : ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि निफ्टी 500, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 90 फीसदी से ज्यादा स्टॉक अपने 200-डे मूविंग एवरेज (डीएमए) से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि इससे संकेत मिलता है कि संभवत: ये स्टॉक ओवरबॉट जोन में हैं। वर्तमान में, निफ्टी 500 इंडेक्स में लगभग 452 या 90 फीसदी कंपनियां, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में लगभग 95 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 90 कंपनियां 200 डीएमए से ऊपर कारोबार कर रही हैं।

बताते चलें की 200-डीएमए टेक्निकल विश्लेषण का एक अहम इंस्ट्रूमेंट है जो पिछले 200 दिनों में किसी स्टॉक के औसत क्लोजिंग प्राइस को बताता है। यह किसी स्टॉक के वर्तमान भाव के तुलना उसके मोमेंटम का आकलन करने में मदद करता है।

क्यों इतने स्टॉक 200-डीएमए स्तर से ऊपर कर रहे हैं कारोबार ?


एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च के डिप्टी हेड देवर्ष वकील का कहना है कि तमाम सेक्टरों में निवेशकों की तरफ से आई व्यापक खरीदारी एक बड़े आधार वाली रैली का संकेत है। इस समय बाजार में 1998-2000 की तरह सिर्फ आईटी, टेलीकॉम और मीडिया में जैसे कुछ ही सेक्टरों में तेजी नहीं आई है। बल्कि वर्तामान रैली का आधार पर बड़ा है। बाजार इस समय एक स्ट्रक्चरल बुल रन में है। इसमें किसी तरह की बुलबुला नहीं है। हालांकि इतनी बड़ी संख्या में 200 डीएमए स्तर से ऊपर कारोबार करने वाले स्टॉक्स को देखकर बुलिश ट्रेडर्स के मन में अब डर जरूर पैदा हो रहा है।

अगस्त 2023 में, मीडिया और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में भारी खरीदारी के कारण मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट ने लार्जकैप से बेहतर प्रदर्शन किया। बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर्स ने फिल्म प्रदर्शन (movie exhibition) और टेलीविजन शेयरों को सपोर्ट दिया। जबकि चीनी, केमिकल, डिफेंस , पीएसयू बैंकिंग, पेपर, पावर और उर्वरक जैसे सेक्टरों में भी तेजी दिखी।

इस अवधि में आईआरएफसी, बीएचईएल, जेएसडब्ल्यू एनर्जी, अदानी पावर, ग्लैंड फार्मा, जीएमआर एयरपोर्ट्स, ट्रेंट, भारत फोर्ज और सुप्रीम इंडस्ट्रीज जैसे कई मिडकैप शेयरों में 20 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई। बाजार जानकारों का कहना है कि निवेशकों ने पीएसयू और पावर सेक्टर में भी दिलचस्पी दिखाई है।

पिछले साल निफ्टी 500 इंडेक्स 33 शेयरों ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया था। इसके अलावा 22 शेयरों ने 70-100 फीसदी तक का रिटर्न दिया। निफ्टी मिडकैप 100 में 8 कंपनियों ने 100 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया था। वहीं पांच कंपनियों ने 70 से 100 फीसदी के बीच रिटर्न दिया था। इस दौरान निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 14 कंपनियों ने 100 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया और नौ कंपनियों ने 70 से 100 फीसदी के बीच रिटर्न दिया था।

एक्सिस सिक्योरिटीज ने निवेशकों के लिए जारी नोट में कहा है कि यहां से बाजार में एक स्टाइल और सेक्टोरल रोटेशन देखने को मिल सकता है। पिछले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप की तरफ से दिखाई गई जोरदार तेजी को देखते हुए लगता है कि लार्जकैप की तुलना में मौजूदा स्तरों पर इनका सेफ्टी मार्जिन कम हो गया है। ऐसे में शॉर्ट टर्म में हमें मिडकैप और स्मॉलकैप में कंसोलीडेशन देखने को मिल सकता है। मिडकैप और स्मॉलकैप से निकल कर निवेशक शॉर्ट टर्म में लार्जकैप की तरफ रुख करते दिख सकते हैं। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप का लॉन्ग टर्म आउटलुक अभी भी अच्छा दिख रहा है। हालांकि अगले साल होने वाले स्टेट और पार्लियामेंटरी इलेक्शन और दुनिया के बड़े देशों के केंद्रीय बैंकों की मॉनीटरी पॉलिसी के चलते बाजार में बीच-बीच में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

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हाई-बीटा मिडकैप में घटाएं निवेश

देवर्ष वकील का कहना है कि निवेशकों को जोखिम कम करने के लिए लो क्वालिटी और हाई बीटा वाले मिडकैप और स्मॉलकैप में निवेश कम करके पोर्टफोलियो में हाई क्वालिटी वाले लार्ज कैप शेयरों को शामिल करने की सलाह होगी।

एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालविया का कहना है कि बाजार में प्राइस और टाइम करेक्शन देखने को मिला है। अगस्त में निफ्टी 19867 से गिरकर 19200 के स्तर पर आ गया। हालांकि, यह ध्यान रखना चाहिए कि लॉन्ग टर्म के नजरिए से निफ्टी अभी भी एक मजबूत अपट्रेंड में है। ऐसे में बीच-बीच में आने वाले करेक्शन को खरीदारी के मौके के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा "शॉर्ट टर्म में 19000-18800 के स्तर की तरफ आने वाले किसी भी करेक्शन को खरीदारी के मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। निफ्टी में हमें जल्द ही 19800-20000 का स्तर देखने को मिल सकता है। बाजार पर हमारा नजरिया पॉजिटिव बना हुआ है। इस बुल मार्केट के भीतर हमें सेक्टर रोटेशन देखने को मिल सकता है"।

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