Multibagger Stocks: टाटा भरोसे का नाम माना जाता है और इसने शेयर मार्केट में भी अपना भरोसा कायम रखा है। टाटा मोटर्स (Tata Motors) के शेयरों ने निवेशकों को बेतहाशा रिटर्न दिया है। लॉन्ग टर्म के साथ-साथ यह कम टाइम फ्रेम में भी शानदार स्टॉक साबित हुआ है। कोरोना महामारी के दौरान शेयर फर्श पर लोट गए थे और उस दौरान मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में पैसे लगाकर निवेशकों ने शानदार कमाई की है। ऐसे ही टाटा मोटर्स के शेयर करीब तीन साल में ही 830 फीसदी का रिटर्न दिया है। ब्रोकरेज के मुताबिक इसमें अब भी शानदार कमाई का मौका है और मौजूदा लेवल से यह 21 फीसदी से ज्यादा ऊपर चढ़ सकता है। इसके शेयर अभी बीएसई पर 607.15 रुपये पर हैं।
Tata Motors ने कैसा रिटर्न दिया है
टाटा मोटर्स के शेयर 3 अप्रैल 2020 को महज 65.20 रुपये पर थे। अब यह 607.15 -रुपये पर है यानी कि महज तीन साल में इसने निवेशकों की पूंजी करीब 830 फीसदी बढ़ा दी है। अब पिछले एक साल में शेयरों के चाल की बात करें तो पिछले साल 26 दिसंबर 2022 को यह एक साल के निचले स्तर 375.50 रुपये पर था। इसके बाद 7 महीने में यह 77 फीसदी से अधिक उछलकर 26 जुलाई 2023 को एक साल के हाई 665.30 रुपये पर पहुंच गया। इस हाई लेवल से फिलहाल यह करीब 9 फीसदी डिस्काउंट पर है।
एनालिस्ट्स के मुताबिक जेएलआर के मजबूत ऑर्डर बैकलॉग, बढ़ती मांग, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को लेकर बढ़ती जागरूकता और इंडस्ट्री के बेहतर रुझान से टाटा मोटर्स को सपोर्ट मिल रहा है। घरेलू ब्रोकरेज फर्म जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज ने इसकी रेटिंग को अपग्रेड कर खरीदारी कर दिया है और टारगेट प्राइस भी बढ़ाकर 737 रुपये कर दिया है। एक और ब्रोकरेज फर्म एमकाय (Emkay) ने 750 रुपये के टारगेट प्राइस पर इसकी खरीदारी की रेटिंग को बरकरार रखा है। हालांकि ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 24 के कंसालिडेटेड ईपीएस के अनुमान को 84 फीसदी और वित्त वर्ष 2025 के कंसालिडेटेड ईपीएस को 45 फीसदी बढ़ा दिया है।
टाटा मोटर्स के लिए चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही बहुत शानदार रही। लग्जरी कारों की मजबूत डिमांड के साथ-साथ कॉमर्शियल और पैसेंजर वेईकल्स सेमगमेंट में मजबूत ग्रोथ से इसकी प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ी। सप्लाई चेन की दिक्कतें हल होने से इसका प्रोडक्शन भी बढ़ा। इसके चलते जून तिमाही में कंपनी को उम्मीद से अधिक करीब 3203 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ जबकि एक साल पहले की समान अवधि में इसे 5007 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंसालि़डेटेड ऑपरेशनल रेवेन्यू भी इस दौरान 42 फीसदी बढ़कर 1.02 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। प्राइसिंग में सुधार के चलते पैसेंजर वेईकल्स सेगमेंट में 11 फीसदी की ग्रोथ दिखी। हालांकि इलेक्ट्रिक वेईकल्स की अधिक हिस्सेदारी और फिक्स्ड एक्सेंसेज में बढ़ोतरी के चलते इसका ऑपरेटिंग मार्जिन 0.80 फीसदी गिरकर 5.3 फीसदी पर आ गया। घरेलू थोक बिक्री 7.6 फीसदी और खुदरा बिक्री 6 फीसदी बढ़ी।\
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