11 अक्टूबर को जारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 13 857 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जबकि इसके पिछले महीने यानी अगस्त में ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 20161 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था। इन आंकड़ों से ये भी पता चलता है कि मार्च 2021 से अब तक के लगातार 31वें महीने में इक्विटी फंड में नेट इन्वेस्टमेंट पॉजिटिव जोन में बना रहा है।
सितंबर महीने में शेयर बाजारों में भारी उतार-चढ़ाव के बीच यह निवेश आया है, यह अपने में एक बड़ी बात है। सितंबर के दौरान बीएसई सेंसेक्स में 1.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जबकि एनएसई निफ्टी 2 फीसदी ऊपर बंद हुआ है।
हाइब्रिड फंड्स में होने वाला निवेश बढ़ा
सितंबर महीने में हाइब्रिड फंड्स में होने वाला निवेश अगस्त के 17082 करोड़ रुपये से बढ़कर 18650 करोड़ रुपये पर रहा है। वहीं इस अवधि में लिक्विड फंडों से 74177 करोड़ रुपए की निकासी हुई है। अगस्त महीने में भी लिक्विड फंडों से 26824 करोड़ रुपए की निकासी हुई थी। सितंबर में म्युचुअल फंडों का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट 46.58 लाख करोड़ रुपये पर रहा है जो इसी साल के अगस्त में 46.63 लाख करोड़ रुपए रहा था। सितंबर महीने में ईएलएसएस स्कीमों से 141 करोड़ रुपये करोड़ रुपए की निकासी हुई है। जबकि अगस्त में इन स्कीमों से 27 करोड़ रुपए की निकासी हुई थी।
स्मॉलकैप फंडों में अभी भी हो रहा निवेश
स्मॉलकैप फंडों में अभी भी निवेश आ रहा है। सितंबर में इनमें 2678 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। वहीं, अगस्त में इनमें 4265 करोड़ रुपये का निवेश आया था। हालांकि निवेशक लार्जकैप फंडों से बचते दिख रहे हैं। सितंबर में लार्जकैप फंडों से 111 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। वहीं, अगस्त में इनसे 349 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड्स से निकासी बढ़ी
कॉरपोरेट बॉन्ड फंड में अगस्त महीने के 1755 करोड़ रुपये के निवेश के मुकाबले सितंबर में 2460 करोड़ रुपये की निकासी देखने को मिली है। बताते चलें कि अगस्त महीने में स्मॉल-कैप और सेक्टोरल फंडों में भारी मांग के चलते इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में होने वाला निवेश 165 फीसदी बढ़कर 20245 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था।
लार्ज कैप और मिड-कैप डेटा पर टिप्पणी करते हुए, वेंचुरा सिक्योरिटीज के विनीत बोलिंजकर का कहना है कि स्मॉल और मिड-कैप शेयरों का वैल्यूएशन पहले से ही बढ़ा हुआ था, हमें स्मॉल और मिड-कैप में होने वाले निवेश में थोड़ी मंदी की संभावना दिख रही है। इसके पहले, खराब प्रदर्शन के कारण लार्ज कैप से स्मॉल और मिड कैप में स्विच होता दिखा था, ये भी बंद हो गया है। अब आगे लार्ज कैप का आउटपरफॉर्मेंस जारी रहना चाहिए। जबकि मिड कैप और स्मॉल कैप में कुछ चुनिंदा फंडों में ही तेजी की उम्मीद है।
आईडीबीआई कैपिटल के एके प्रभाकर का कहना है कि वैल्यूएशन के लिहाज से, लार्जकैप मिडकैप की तुलना में ज्यादा अच्छे दिख रहे हैं। मिडकैप सेगमेंट में चुनिंदा स्टॉक पीई बनाम ऐतिहासिक औसत के 100-200 गुना के दायरे में कारोबार कर रहे हैं, जबकि कई लार्जकैप शेयरों ने केमिकल, लाइफ इंश्योरेंस, ऑटो और ऑटो एंसिलरी कंपनियों जैसा प्रदर्शन नहीं किया है।