स्टॉक मार्केट की हाल की उठापटक में आईटी शेयरों को सबसे ज्यादा मार सहनी पड़ी है। आईटी सेक्टर में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंडों स्कीमों पर भी इस पिटाई का असर देखने को मिला है। 2022 में अब तक टेक्नोलॉजी सेक्टर फंडों में 22.78 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है जबकि इसी अवधि में फ्लेक्सी कैप फंडों में 1.31 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। यहां दिए गए आंकड़ें Value Research के विवरण पर आधारित हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल आईटी सेक्टर तमाम निवेशकों का आंख का तारा बना हुआ था। आइए जानते हैं हाल की गिरावट के बाद टेक्नोलॉजी सेक्टर पर क्या होना चाहिए हमारा नजरिया?
आईटी सेक्टर में भारत की कुछ बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। इनमें से तमाम कंपनियों की बैलेंसशीट और अर्निंग ग्रोथ काफी अच्छी स्थिति में है। इनको कैश जेनरेटिंग मशीन भी माना जाता है। हालांकि कोविड महामारी के दौरान आईटी शेयरों में आई जबरदस्त खरीदारी के कारण अब इनका वैल्यूएशन काफी महंगा हो गया है। 04 जनवरी 2022 को निफ्टी आईटी इंडेक्स का प्राइस टू अर्निंग मल्टीप्ल 39.58 गुने पर पहुंच गया था। भारतीय आईटी स्टॉक ग्लोबल स्तर पर आईटी को लेकर बने पॉजिटिव सेगमेंट के कारण कोविड काल में अपने हाई पर पहुंच गए। लेकिन 2022 में ही स्थितियां बदलनी भी शुरु हुईं।
इस सेक्टर की कुछ कंपनियां खासकर नए जमाने की टेक कंपनियां विदेशी बाजारों में भी लिस्टेड हैं। इसके अलावा ये कंपनियां घाटे में भी चल रही थीं। ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ ही इन कंपनियों को लेकर निवेशकों का नजरिया बदला और लोगों ने इनमें बिकवाली शुरु कर दी। इस बिकवाली का प्रभाव भारतीय बाजारों पर भी दिखा और इसकी सबसे पहली और ज्यादा मार उन आईटी कंपनियों पर पड़ी जिनका वैल्यूएशन काफी महंगा नजर आ रहा था।
निफ्टी आईटी इंडेक्स इस समय 28857 के आसपास नजर आ रहा है जबकि 4 जनवरी 2022 को यह 39370 के हाई पर था। इस समय आईटी कंपनियों का प्राइस टू अर्निंग रेशियो 26 गुने पर है।
आय में मजबूती के संकेत कायम
अमेरिका में संभावित मंदी भारतीय आईटी कंपनियों के लिए सबसे बड़ा डर बना हुआ है। फिर भी बाजार जानकारों का कहना है कि लंबी अवधि के नजरिए से आईटी सेक्टर बेहतर स्थिति में है।
Tata Mutual Fund की मीता शेट्टी का कहना है कि आईटी शेयरों का वैल्यूएशन तुलनात्मक रूप से अब अच्छा लग रहा है। पूरी दुनिया में आईटी पर होने वाला खर्च भी आगे मजबूत बने रहने का संकेत है। क्लाउड सर्विसेज में आगे भी तेजी जारी रहने की संभावना के चलते अगले कुछ सालों में आईटी स्पेस में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। क्लाउड माइग्रेशन में भारतीय आईटी कंपनियों का बहुत अहम रोल है। ऑटोनोमस व्हीकल , मैन्यूफैक्चरिंग में ऑटोमेशन, मोबिलिटी , कस्टमर एक्सपीरियंस, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस कुछ ऐसे सेक्टर हैं जिनसे आगे भारतीय आईटी कंपनियों के रेवेन्यू में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगा।
हालांकि इस सेक्टर के लिए कुछ जोखिम भी है। आईटी कंपनियों द्वारा आईटी में किए जाने वाले खर्च में कटौती और करेंसी में हो रहा उतार-चढ़ाव कुछ ऐसे जोखिम है जिनपर निवेशकों को नजर रखनी चाहिए। लेकिन यह जोखिम शॉर्ट टर्म के लिए ही है। मीडियम से लॉन्ग टर्म के लिए आईटी सेक्टर का आउटलुक मजबूत बना हुआ है।
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