डिजिटल पेमेंट एंड फाइनेशिंयल सर्विस कंपनी PhonePe ने सेबी में म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए अर्जी दाखिल की है। सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक Flipkart के निवेश वाले PhonePe Private Ltd ने 31 दिसंबर 2021 को म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। यह भी बतातें चलें Flipkart के को-फाउंडर सचिन बंसल, नावी म्यूचुअल फंड (Navi Mutual Fund) के फाउंडर है जिसकी एवरेज एसेट अंडर मैनेजमेंट अक्टूबर-दिसंबर 2021 की अवधि में 92,959.98 करोड़ रुपये थी।
गौरतलब है कि 4 और ऐसी कंपनियां हैं जो सेबी से इस तरह की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। इनमें दीपक सेनाय (Deepak Shenoy) की वाइजमार्केट्स एनालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड (Wizemarkets Analytics Pvt. Ltd.)जिसका नाम Capitalmind भी है, समीर अरोरा की हेलिओस कैपिटल (Helios Capital),राकेश झुनझुनवाला की अल्केमी कैपिटल (Alchemy Capital)और (Kenneth Andrade)केनेथ एनड्रेड के लीडरशिप वाली ओल्ड ब्रिज कैपिटल मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (Old Bridge Capital Management Pvt Ltd) के म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए किए गए आवेदन सेबी में अंडर प्रोसेस हैं। इसके अलावा एंजेल वन और यूनिफाई कैपिटल ने भी इस लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है। इसके अलावा बजाज फिनसर्व , जिरोधा ब्रोकिंग और फ्रंटलाइन कैपिटल सर्विसेस को सेबी से म्यूचुअल फंड लाइसेंस के लिए पहले ही सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है।
भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में वर्तमान में करीब 45 कंपनियां है और इससे कहीं ज्यादा कंपनियां इस सेक्टर में कदम रखने की तैयारी में हैं। हाल के दिनों में भारत में इस सेक्टर में कंसोलिडेशन भी देखने को मिला है। दिसंबर में HSBC Holdings Plc के भारतीय एसेट मैनेजमेंट यूनिट ने एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग के म्यूचुअल फंड यूनिट को 3191 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए करार किया था।
पिछले कुछ सालों से भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्रीज में तेज ग्रोथ देखने को मिली है। Amfi के आंकड़ों के मुताबिक 30 नवंबर 2016 से 30 नवंबर 2021 के बीच म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की एसेट अंडर मैनेजमेंट 16.50 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 37.34 लाख करोड़ रुपये पर आ गई है। 5 साल की अवधि में इसमें दोगुनी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।