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1 जुलाई से रुक सकती है आपकी SIP, अगर फिर से नहीं कराया यह रजिस्ट्रेशन

अगर आप एक स्टॉकब्रोकर या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये निवेश करते हैं तो 1 जुलाई से आपके पैसे को आपके फंड हाउस (fund house) तक पहुंचने में कुछ ज्यादा समय लग सकता है

अपडेटेड Apr 01, 2022 पर 5:47 PM
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SEBI ने अक्टूबर, 2021 में एक सर्कुलर जारी करके नियमों में बदलाव का ऐलान किया था, जो 1 अप्रैल, 2022 से लागू होने वाला था जिसे आज बढ़ाकर 1 जुलाई 2022 कर दिया गया

SIP : अगर आप एक स्टॉकब्रोकर या एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिये निवेश करते हैं तो 1 जुलाई से आपके पैसे को आपके फंड हाउस (fund house) तक पहुंचने में कुछ ज्यादा समय लग सकता है। साथ ही, अगर एक जरूरी काम नहीं किया तो SIP में आपका निवेश रुक भी सकता है। दरअसल, कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने अक्टूबर, 2021 में एक सर्कुलर जारी करके नियमों में बदलाव का ऐलान किया था। पहले यह बदलाव 1 अप्रैल से लागू होने वाला था लेकिन 1 अप्रैल को ही सेबी ने इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 1 जुलाई 2022 कर दिया।

1 जुलाई से बदल रहा म्यूचुअल फंड में निवेश का नियम

सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड (mutual fund) हाउसेस से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि कोई भी म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, स्टॉकहोल्डर या इनवेस्टमेंट एडवाइजर इनवेस्टर्स का पैसा एक बैंक अकाउंट में जमा न करे। दरअसल, कुछ डिस्ट्रीब्यूटर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आदि इनवेस्टर्स के पैसे को पहले अपने खाते में जमा करते हैं और फिर फंड हाउंस को भेजकर उन इनवेस्टर्स के लिए यूनिट खरीदते हैं। इस बदलाव से पैसे का संभावित दुरुपयोग रुक जाएगा। रेगुलेटर ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से इस बदलाव को 1 जुलाई, 2022 से लागू करने के लिए कहा है। इससे म्यूचुअल फंड्स के ऑपरेशन में बड़ा बदलाव आएगा। हालांकि, इनवेस्टर्स को शुरुआत में कुछ मुश्किलें हो सकती हैं।


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क्या आपकी SIP पर भी होगा असर?

सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लांस (SIP) के जरिये निवेश करने वाले इनवेस्टर्स पर भी इस बदलाव का असर पड़ने का अनुमान है।

ज्यादातर SIP इनवेस्टमेंट इनवेस्टर्स द्वारा एक बार मैंडेट पर हस्ताक्षर के द्वारा किए जाते हैं। भले ही ज्यादातर मैंडेट डिस्ट्रीब्यूटर्स के नाम पर हैं, लेकिन फंड हाउसेज ने पेमेंट एग्रीगेटर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के साथ समझौते किए हैं जिससे ऐसे मैंडेट के जरिए इकट्ठा किए गए पैसे का सीधे फंड हाउस में जाना सुनिश्चित होगा। पहला पैसा इंटरमीडियरी के बैंक खाते में जाता था और फिर इंटरमीडियरी इसे फंड हाउस के बैंक खाते में ट्रांसफर करता था।

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रुक जाएंगी ऐसी SIP

एक प्रमुख फंड हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ऐसी सभी SIP रुक जाएंगी जहां स्टॉकब्रोकर्स अपने खाते में रखे इनवेस्टर्स फंड के जरिए एसआईपी की सुविधा दे रहे हैं। नई व्यवस्था में पूल अकाउंट्स के लिए कोई जगह नहीं है।

इसका मतलब है कि आपका ब्रोकर जल्द ही आपसे SIP मैंडेट के लिए फिर से रजिस्टर कराने के लिए कह सकता है, जिसमें आप फंड हाउस या स्टॉक एक्सचेंज के क्लीयरिंग कॉरपोरेशन को अपने बैंक खाते से पैसा निकालने और फिर उसे सीधे म्यूचुअल फंड के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का अधिकार देते हैं।

नए SIP मैंडेट में फंड हाउस या एक्सचेंज के क्लीयरिंग कॉरपोरेशन के नाम पर हस्ताक्षर होंगे, जो इंटरमीडियरी की व्यवस्था पर निर्भर करेगा।

एकमुश्त निवेश में क्या होगा

lump-sum investments : भले ही ज्यादातर इनवेस्टर SIP के जरिए निवेश करते हैं, लेकिन कुछ इनवेस्टर्स एकमुश्त निवेश को प्राथमिकता देते हैं। भले ही इन स्कीम्स में निवेश के ज्यादातर पहलू समान रहने का अनुमान है, लेकिन आपके बैंक खाते से पैसा सीधे म्यूचुअल फंड के खाते में भेजने की जरूरत है। इसलिए आपके इंटरमीडियरी को आपसे पेमेंट प्राप्त करने के लिए फंड हाउसेज के साथ विशेष व्यवस्था करनी होगी।

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