फिक्सड इनकम सिक्योरिटीज पर फोकस करने वाले म्यूचुअल फंडों से जून महीने में 92248 करोड़ रुपये की भारी निकासी होती दिखी है। Morningstar India की कविता कृष्णन (Kavitha Krishnan) का कहना है कि अनिश्चित मैक्रो इकोनॉमिक स्थितियों, बढ़ती ब्याज दरों, कमोडिटी की कीमतों में बढ़त और मंदी की आशंका के बीच डेट फंडों से भारी निकासी होती नजर आई है।
बता दें कि मई महीने में भी डेट फंडों से 32722 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी जबकि अप्रैल महीने में डेट फंडों में 54756 करोड़ रुपये का निवेश आता दिखा था। ये आकंड़े एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Amfi) के विवरण पर आधारित हैं।
16 फिक्सड इनकम अथवा डेट फंडों में से 14 फंडों से जून तिमाही में नेट निकासी देखने को मिली है। ओवर नाइट, लिक्विड और अल्ट्रा शॉर्ट टर्म ड्युरेशन वाले फंडों में सबसे ज्यादा निकासी देखने को मिली है। 10 ईयर गिल्ट फंड और लॉन्ग ड्यूरेशन फंड ही ऐसे दो सेगमेंट रहे हैं जिसमें निवेश आता दिखा है।
LXME India की फाउंडर प्रीती राठी गुप्ता का कहना है कि डेट फंडों से पैसे की इस निकासी की एक वजह निवेशकों की शॉर्ट टर्म में पड़ने वाली पैसे की जरुरत भी हो सकती है। वर्तमान मार्केट परिस्थितियों, बढ़ती महंगाई और बढ़ते रेपो रेट के दौर में निवेशक अपनी शॉर्ट टर्म जरूरतों को पूरा करने के लिए डेट फंडो से पैसा निकालते नजर आए हैं।
डेट म्यूचुअल फंडों से हुई इस निकासी के चलते जून महीने में डेट फंडों का असेट बेस मई के 13.22 लाख करोड़ रुपये से घटकर 12.35 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। सामान्य तौर पर डेट फंडों को कम जोखिम वाला माना जाता है। निवेशक अपने मेहनत से कमाए गए पैसे को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इस तरह के फंडो में पैसे डालते हैं। इस निवेश से उन्हे इक्विटी की तुलना में कम रिटर्न मिलता है लेकिन बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलता है।
दूसरी तरफ हमें जून महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 15498 करोड़ रुपये का निवेश आता दिखा है। यह निवेश बाजार में लगातार कायम वोलैटिलिटी और भारतीय बाजारों से एफआईआई की निकासी जारी रहने के बीच आया है। यह अपने में काफी बड़ी बात है।
जानकारों का कहना है कि निवेशक इस समय वैल्यू क्रिएटर एसेट क्लास के तौर पर इक्विटी में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। इक्विटी बाजार को लेकर हाल में आई जागरुकता के कारण भी निवेशक इक्विटी फोकस्ड फंडों में निवेश कर रहे हैं। इक्विटी फोकस्ड फंड निवेशकों के लॉन्ग
टर्म गोल को हासिल करने का जरिया बनते नजर आ रहे हैं।
पूरे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की बात करें तो जून महीने में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री 69853 करोड़ रुपये की निकासी होती नजर आई है जबकि मई महीने में 7532 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।