न्यूयॉर्क शेयर मार्केट का नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स (Nasdaq Composite Index) शुक्रवार को गिरावट के साथ चार्ट पर "डेथ क्रॉस (Death Cross)" फार्मेशन में आ गया है, जिससे शेयर बाजार ट्रेडर अशुभ मानते हैं। अप्रैल 2020 के बाद यह पहला मौका है, जब नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स "डेथ क्रॉस" फार्मेशन में आया है। उस वक्त कोरोना महामारी के चलते अमेरिकी शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी।
नैस्डेक कंपोजिट इंडेक्स में शुक्रवार को 1.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। बीते 19 नवंबर को नैस्डेक अपने शिखर पर था और तब से अब तक उसमें करीब 16 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
क्या है डेथ क्रॉस पैटर्न?
ड्राइववेल्थ इंस्टीट्यूशनल के चीफ मार्केटिंग स्ट्रैटजिस्ट ने बताया, 'जब आप डेथ क्रॉस सुनते हैं तो आपका एंटीना खड़ा हो जाता है। इसका हमेशा यह मतलब नहीं होता है कि बाजार में कोई बहुत बड़ी तबाही आने वाली है। हां लेकिन ये यह जरूर बताता है कि गिरावट का दौर थोड़ा लंबे दौर तक टिकने वाला है।'
साल 2000 में डेथ क्रॉस बनने पर क्रैश हुआ था मार्केट
साल 2000 के जून महीने में भी न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर ऐसा ही डेथ क्रॉस पैटर्न बना था, जब डॉटकॉम कंपनियों के शेयर बुरी तरह धड़ाम हुए थे। इसके बाद जनवरी 2008 में भी ऐसा ही डेथ क्रॉस पैटर्न बनता हुआ देखा गया, जिसके पूरी दुनिया ने ग्लोबल आर्थिक संकट को देखा था।
ग्लोबल बाजारों में कमजोर संकेत और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताओं के बीच भारतीय शेयर बाजारों में भी पिछले कुछ समय से गिरावट का दौर देखा जा रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशक की तरफ से भारी बिकवाली भी एक वजह रही है। बीएसई सेंसेक्स इस साल की शुरुआत से 2.28 फीसटी टूटा है, जबकि निफ्टी में 1.98 फीसदी की गिरावट आई है।