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सुप्रीम कोर्ट से मिला पॉजिटिव संकेत, फटाक से उछल गए नजारा और डेल्टा कॉर्प के शेयर

Stock Market News: गेमिंग कंपनियों के शेयरों में आज अच्छी तेजी का रुझान दिखा। नजारा टेक (Nazara Tech) और डेल्टा कॉर्प (Delta Corp) के शेयर 4 फीसदी से अधिक तक उछल गए। इनके शेयरों में यह चाबी सुप्रीम कोर्ट ने भरी है। सुप्रीम कोर्ट से पॉजिटिव संकेत मिले तो शेयर उड़ चले। जानिए पूरा मामला क्या है और सुप्रीम कोर्ट से क्या पॉजिटिव संकेत मिला है शेयरों को?

अपडेटेड Jul 15, 2024 पर 8:32 PM
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ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों ने करीब 30 याचिकाएं दायर की हैं। इनमें 1.5 लाख करोड़ रुपये के रेट्रोस्पेक्टिव जीएसटी नोटिस को चुनौती दी गई है जिसे बेट के फेस वैल्यू पर 28 फीसदी की दर से कैलकुलेट किया गया है।

Stock Market News: गेमिंग कंपनियों के शेयरों में आज अच्छी तेजी का रुझान दिखा। नजारा टेक (Nazara Tech) और डेल्टा कॉर्प (Delta Corp) के शेयर 4 फीसदी से अधिक तक उछल गए। इनके शेयरों में यह चाबी सुप्रीम कोर्ट ने भरी है। सुप्रीम कोर्ट से पॉजिटिव संकेत मिले तो शेयर उड़ चले। डेल्टा कॉर्प के शेयर फिलहाल BSE पर 3.21 फीसदी की बढ़त के साथ 144.75 रुपये पर है। इंट्रा-डे में यह 4.60 फीसदी उछलकर 146.70 रुपये पर पहुंच गया था।। नजारा टेक की बात करें तो फिलहाल यह 0.81 फीसदी की बढ़त के साथ 914 रुपये के भाव पर है। इंट्रा-डे में यह 1.69 फीसदी उछलकर 922.00 रुपये के भाव तक पहुंचा था। जीएसटी काउंसिल ने पिछले साल जुलाई में ऑनलाइन गेमिंग, कैसिनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने को मंजूरी दी थी और कहा था कि इसमें दांव में लगी पूरी राशि पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा।

कैसा सपोर्ट मिला सुप्रीम कोर्ट से?

सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवीआई चंद्रचूड़ ने गेमिंग कंपनियों की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई के लिए कहा है। गेमिंग कंपनियों ने जीएसटी नोटिस के खिलाफ याचिका दायर किया है। इन कंपनियों को बेटिंग की पूरी फेस वैल्यू पर 28 फीसदी की दर से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) चुकाने को कहा गया है।


₹1.5 लाख करोड़ के जीएसटी नोटिस के खिलाफ 30 याचिकाएं

ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों ने करीब 30 याचिकाएं दायर की हैं। इनमें 1.5 लाख करोड़ रुपये के रेट्रोस्पेक्टिव जीएसटी नोटिस को चुनौती दी गई है जिसे बेट के फेस वैल्यू पर 28 फीसदी की दर से कैलकुलेट किया गया है। मई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि कोर्ट इस मामले की सुनवाई जुलाई में करेगी। पहले इस केस पर 15 जुलाई को सुनवाई के लिए दिन तय किया गया था। अब इसमें अगले हफ्ते सुनवाई होगी।

हाईकोर्ट से पहुंचा है सुप्रीम कोर्ट में मामला

सुप्रीम कोर्ट जिन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, वे सभी हाईकोर्ट में दायर हुए थे। हालांकि फिर सरकार ने ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग कंपनियों को जारी किए गए जीएसटी नोटिस को चुनौती देने वाले हाई कोर्ट के समक्ष सभी लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इस पर अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने हामी भर दी। चीफ जस्टिस ने 9 हाईकोर्ट में लंबित 27 याचिकाओं को ट्रांसफर करने और इसे सुप्रीम कोर्ट में लंबित गेम क्राफ्ट मामले के साथ लिस्ट करने की अनुमति दी थी।

गेमिंग कंपनियों की क्या है मांग?

अब सवाल उठता है कि आखिर गेमिंग कंपनियों की मांग क्या है? इन्हें दांव पर लगाई गई पूरी राशि पर 28 फीसदी जीएसटी की वसूली के लिए नोटिस मिला है। गेमिंग कंपनियों का कहना है कि जीएसटी दांव पर लगाई जाने वाली पूरी राशि की बजाय जो ग्रॉस गेमिंग रेवेन्यू (GGR) हो, उस पर लगाया जाना चाहिए। ईवाई और यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2023 से नया जीएसटी रिजीम लागू होने के बाद कुछ कंपनियों के वैश्विक निवेशक पीछे हट गए हैं। यह नया जीएसटी सिस्टम आने से पहले जीएसटी की लागत कुल आय की 15.25 फीसदी थी। एक अक्टूबर, 2023 के बाद 33 फीसदी कंपनियों के लिए जीएसटी की लागत आय के 50 से 100 फीसदी तक हो गई है। कुछ स्टार्टअप्स के लिए तो यह लागत आय से भी अधिक है। रिपोर्ट के दावे के मुताबिक स्टार्टअप घाटे में चल रहे हैं।

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