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ऑन-ऑफ की एक गलती पर स्टॉक मार्केट में हड़कंप, ढेर सारे ऑर्डर करने पड़े कैंसल, समझें पूरा मामला

किसी सिस्टम को ऑन और ऑफ करने वाले की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती और इसमें चूक कई लोगों का भारी घाटा करा सकती है। ऐसा ही कुछ अमेरिकी मार्केट में हुआ जब न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का बैकअप सिस्टम रात भर चलता रहा यानी कि इसे बंद नहीं किया गया। इसके चलते अगले दिन जब सुबह 9:30 बजे मार्केट ट्रेडिंग शुरू हुआ तो सिस्टम ने इसे मार्केट खुलने की बजाय मार्केट के जारी रहने की तरह लिया

अपडेटेड Jan 26, 2023 पर 11:07 AM
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एक्सचेंज इस मामले में अभी कैलकुलेशन कर रहा है कि इससे कितना झटका लगा है।

किसी सिस्टम को ऑन और ऑफ करने वाले की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती और इसमें चूक कई लोगों का भारी घाटा करा सकती है। ऐसा ही कुछ अमेरिकी मार्केट में हुआ जब न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का बैकअप सिस्टम रात भर चलता रहा यानी कि इसे बंद नहीं किया गया। इसके चलते अगले दिन जब सुबह 9:30 बजे मार्केट ट्रेडिंग शुरू हुआ तो सिस्टम ने इसे मार्केट खुलने की बजाय मार्केट के जारी रहने की तरह लिया। इसके चलते सिस्टम ने दिन के ओपनिंग ऑक्शंस को रोक दिया जो शुरुआती भाव तय करती है। एक्सचेंज अब इस मामले में कितना नुकसान हुआ, इसका कैलकुलेशन कर रही है।

क्या है पूरा मामला

वॉल स्ट्रीट से 700 मील (1127 किमी) से अधिक दूरी पर शिकागो में सेरमार्क रोड पर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज का बैकअप डेटा सेंटर स्थित है। जब बाजार बंद हो जाता है तो इसे बंद कर दिया जाता है। हालांकि मंगलवार की रात को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के एंप्लॉयी इसे ठीक तरीके से बंद नहीं कर पाए। इस गलती के चलते अगले दिन जब मंगलवार की सुबह को बाजार खुला तो मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव दिखा।


इसने वेल्स फार्गो, मैकडोनाल्ड्स, वालमार्ट और मॉर्गन स्टैनले समेत 250 से अधिक कंपनियों को झटके लगे। कहीं-कहीं तो कुछ ही मिनटों में स्टॉक प्राइस में 25 फीसदी तक उठा-पटक दिख गई। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि सिस्टम ने ओपनिंग ट्रेड की बजाय 09:30 को कंटिन्यू ट्रेडिंग के तौर पर लिया और भाव इंट्रा-डे की तरह ही चढ़ते-उतरते रहे। इसके चलते एक्सचेंज को हजारों ट्रेड्स रद्द करने पड़े लेकिन इसकी लागत कितनी रही, इसका कैलकुलेशन करना अभी बाकी है। एक्सचेंज ने इसे मैनुअल एरर कहा है।

एक्सचेंज के खिलाफ ब्रोकरेज की प्रतिक्रिया

अमेरिकी ब्रोकरेज Charles Schwab ने खुले तौर पर एक्सचेंज की आलोचना की है। इसका कहना है कि जिस तरह से एक्सचेंज ने मामले को हैंडल किया, वह निराश करने वाला रहा। Schwab की प्रवक्ता Mayura Hooper का कहना है कि एक्सचेंज ने अभी तक इस एरर की पूरी जिम्मदारी नहीं ली है और खुदरा निवेशकों को ऑर्डर्स सही करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा। हालांकि इसमें भी गारंटी नहीं है कि कुछ तर्कसंगत निकलकर आएगा। हूपर ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि इससे अमेरिका के खुदरा निवेशकों का निवेश अनुभव खराब हुआ है।

महीने के आखिरी तक होगा दावों पर फैसला

एक्सचेंज इस मामले में अभी कैलकुलेशन कर रहा है कि इससे कितना झटका लगा है। एक्सचेंज के नियमों के मुताबिक कंपनियों पहले ही अपने दावे के लिए खड़ी हो गई है। जिन्हें भी इससे मैनुअल एरर से झटका लगा है, वे शुक्रवार तक अपने नुकसान के बारे में एक्सचेंज को जानकारी दे सकते हैं। इन सभी दावों पर इस महीने के आखिरी तक फैसला होगा।

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