लिस्टिंग के 9 ही दिनों में इस स्टॉक पर एक्सचेंजों की अतिरिक्त निगरानी शुरू, आपके पोर्टफोलियो में है यह शेयर?

Share Market News: करीब दो हफ्ते पहले ही घरेलू स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई इस स्टॉक के उतार-चढ़ाव पर एक्सचेंजों की अतिरिक्त निगरानी शुरू हो गई है। महज 9 दिनों में इसके शेयरों को शॉर्ट टर्म एएसएम फ्रेमवर्क के तहत डाल दिया गया है। चेक करें कि क्या यह स्टॉक आपके पोर्टफोलियो में है? इसके अलावा जानिए कि इस फ्रेमवर्क के तहत किन शेयरों को रखा जाता है और इनमें आने के बाद क्या होता है?

अपडेटेड Jul 15, 2025 पर 7:56 AM
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इलेक्ट्रिक रेजिस्टेंस वेल्डेड (ERW) स्टील पाइप और स्ट्रक्चरल ट्यूब बनाने वाली संभव स्टील ट्यूब्स के शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में 2 जुलाई को एंट्री हुई थी। नौ ही कारोबारी दिनों के भीतर इस पर एक्सचेंजों की अतिरिक्त निगरानी शुरू हो गई है।

इलेक्ट्रिक रेजिस्टेंस वेल्डेड (ERW) स्टील पाइप और स्ट्रक्चरल ट्यूब बनाने वाली संभव स्टील ट्यूब्स के शेयरों की घरेलू स्टॉक मार्केट में 2 जुलाई को एंट्री हुई थी। इसके बाद नौ ही कारोबारी दिनों के भीतर इस पर एक्सचेंजों की अतिरिक्त निगरानी शुरू हो गई है। इसके शेयरों को शॉर्ट टर्म एडीशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क के पहले स्टेज में रखा गया है। फिलहाल शेयरों की बात करें तो सोमवार 14 जुलाई को बीएसई पर यह 5.97% की गिरावट के साथ ₹117.56 (Sambhv Steel Tubes Share Price) पर बंद हुआ है। आईपीओ निवेशकों को यह ₹82 के भाव पर जारी हुआ था। 14 जुलाई को बीएसई पर यग ₹135 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था।

कब रखा जाता है शॉर्ट टर्म ASM फ्रेमवर्क में?

कॉरपोरेट एक्शन से प्राइस एडजस्ट होने के बाद पांच कारोबारी दिनों में अगर किसी स्टॉक में क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से 25% या इससे अधिक का उतार-चढ़ाव होता हो तो इसे पहले स्टेज में रखा जाता है। संभव स्टील की बात करें तो 2 जुलाई यानी लिस्टिंग के दिन यह 19% की बढ़त के साथ बंद हुआ था। इसके बाद 3 जुलाई को यह 4%, 8 जुलाई को 12%, 9 जुलाई को 8% और 10 जुलाई को 5.1% की बढ़त के साथ बंद हुआ था।


इसके अलावा पांच कारोबारी दिनों में बीएसई और एनएसई पर जितने शेयरों की कुल मिलाकर ट्रेडिंग हुई है, उसमें से 30% या इससे अधिक का लेन-देन सिर्फ टॉप के 25 क्लाइंट्स ने ही किया हो, तो भी इस स्टेज में स्टॉक को रखा जाता है। एक और क्राइटेरिया ये है कि कॉरपोरेट एक्शन से प्राइस एडजस्ट होने के बाद 15 कारोबारी दिनों में अगर किसी स्टॉक में क्लोजिंग प्राइस के हिसाब से 40% या इससे अधिक का उतार-चढ़ाव होता हो तो भी इस स्टेज में रखा जाता है। हालांकि संभव स्टील के मामले में अभी 15 कारोबारी दिन नहीं हुए हैं।

शॉर्ट टर्म एएसएम के पहले स्टेज में आने के बाद क्या?

अब बात करतें है शॉर्ट टर्म एएसएम के पहले स्टेज में आने के बाद क्या होता है तो सबसे अहम ये है कि अब इन शेयरों की ट्रे़डिंग के लिए अभी जो मार्जिन चाहिए होता था, उससे डेढ़ गुना या 40%, इनमें से जो अधिक हो, उतनी जरूरत पड़ेगी। अधिकतम मार्जिन 100% है। ग्रास ट्रेडेड वैल्यू के हिसाब से टॉप 10 क्लाइंट्स से अगर उनका ट्रेड वैल्यू ₹10 लाख से अधिक है तो दिन के आखिरी मं उनके ट्रेडेड वैल्यू पर 100% मार्जिन लिया जाएगा।

इस स्टेज में किसी स्टॉक के आने के बाद एक्सचेंज कंपनी से पूछते हैं कि क्या कोई ऐसा कॉरपोरेट ऐलान है, जिसके बारे में खुलासा करने की जरूरत है। इसके अलावा ऐसे स्टॉक्स के नाम के सामने सर्विलांस डैशबोर्ड दिखने लगता है ताकि निवेशकों को पता चल सके।

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Jeevan Deep Vishawakarma

Jeevan Deep Vishawakarma

First Published: Jul 15, 2025 7:27 AM

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