Nifty IT at record high: इन स्मॉलकैप IT स्टॉक्स पर आया टेक म्यूचुअल फंड्स का दिल, 1 साल में 40% तक दिया रिटर्न

Nifty IT : हालांकि वेतन में बढ़त और भू-राजनीतिक जोखिम जैसे निकट-अवधि के दबाव आईटी के मार्जिन को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन ग्लोबल कंपनियों की तरफ से आईटी इंफ्रा पर होने वाले खर्च में बढ़त के कारण इस सेक्टर की लॉन्ग टर्म संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं

अपडेटेड Nov 30, 2024 पर 3:52 PM
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पिछले साल के दौरान आईटी सेक्टर का प्रदर्शन मजबूत ऑर्डर बुक और उम्मीद से बेहतर आय के कारण अच्छा रहा। इस दौरान इंफोसिस और टीसीएस जैसी बड़ा कंपनियों ने बड़े सौदे हासिल किए

IT sector smallcap stocks : भारत की बड़ी आईटी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाला निफ्टी आईटी इंडेक्स 26 नवंबर को 44,085 के रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया। पिछले एक साल में निफ्टी आईटी टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) में 40 फीसदी की ग्रोथ हुई है, जबकि निफ्टी 50 टोटल रिटर्न इंडेक्स ने 24 फीसदी का ही रिटर्न दिया है। इसके चलते आईटी और इससे जुड़ी कंपनियों में बड़े स्तर पर निवेश करने वाले सेक्टोरल म्यूचुअल फंडों ने भी अच्छा रिटर्न दिया है।पिछले वर्ष में इन फंडों ने औसतन 40 फीसदी रिटर्न दिया है।

मांग में कमी

2022 में निगेटिव रिटर्न देने के बाद, पिछले 15-18 महीनों में आईटी शेयरों में उछाल आया है। टाटा म्यूचुअल फंड की फंड मैनेजर मीता शेट्टी का कहना है कि 2022 में, आईटी सेक्टर को बढ़ती महंगाई और ब्याज दरों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इससे ग्लोबल मार्केट पर दबाव बना। आईटी कंपनियों की मांग में कमी देखने को मिली। रूस-यूक्रेन संघर्ष से जुड़ी चिंता और ग्लोबवल मंदी की आशंकाओं ने आईटी सेक्टर पर दबाव बनाया।


2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद आईटी शेयरों में हाल ही में तेजी आई है। बाजार जानकारों का मानना ​​है कि इससे अमेरिकी कंपनियों के आईटी पर होने वाले खर्च में बढ़त होगी जिससे भारतीय आईटी कंपनियों को फायदा होगा।

फिसडम (एक निवेश सलाहकार फर्म) के रिसर्च हेड नीरव करकेरा कहते हैं कि पिछले साल के दौरान आईटी सेक्टर का प्रदर्शन मजबूत ऑर्डर बुक और उम्मीद से बेहतर आय के कारण अच्छा रहा। इस दौरान इंफोसिस और टीसीएस जैसी बड़ा कंपनियों ने बड़े सौदे हासिल किए,जिससे इनके वित्तीय प्रदर्शन में सुधार हुआ। करकेरा ने आगे कहा कि ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद, इस सेक्टर को बैंकिंग, हेल्थ सर्विस और रिटेस जैसे सेक्टरों आ रही अ्च्छी मांग से फायदा हुआ है। ये सेक्टर डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं,इसका फायदा आईटी कंपनियों के मिला है।

शॉर्ट टर्म में रहेगा दबाव

करकेरा ने कहा कि वेतन में बढ़त और भू-राजनीतिक जोखिम जैसे निकट-अवधि के दबाव आईटी के मार्जिन को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन ग्लोबल कंपनियों की तरफ से आईटी इंफ्रा पर होने वाले खर्च में बढ़त और टेक्नोलॉजी सेवाओं में भारत की लीडरशिप के कारण इस सेक्टर की लॉन्ग टर्म संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।

मीता शेट्टी ने आगे कहा कि हालांकि पिछले एक साल में आईटी शेयरों में आई तेजी के बाद इनके वैल्यूएशन महामारी के दौरान दिखे हाई लेवल के करीब पहुंच रहे हैं। इससे संकेत मिलते हैं कि आगे तेजी के लिए ज्यादा जगह नहीं बची है। फिर भी, शेट्टी को उम्मीद है कि अगले दो से तीन सालों में आईटी कंपनियों की अर्निंग ग्रोथ में सुधार होगा,भले ही वैल्यूएशन में बहुत अधिक बढ़त न हो। शेट्टी का मानना है कि इस सेक्टर की ग्रोथ शेयर कीमतों में बढ़त के बजाय अर्निंग से अधिक आने की उम्मीद है।

वर्तमान में, आईटी और उनसे जुड़े सेक्टरों से संबंधित 25 म्यूचुअल फंड हैं। इनमें से 12 थीम-आधारित फंड टेलीकॉम, रिटेल, फिनटेक और एंटरटेनमेंट सहित संबंधित ऑनलाइन सेक्टरों में भी निवेश करते हैं।

यहां म्यूचुअल फंड्स के पसंदीदी टॉप स्मॉलकैप आईटी स्टॉक दिए गए हैं -

IT sector smallcap stocks

 

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