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Nifty Trend : निफ्टी का रुझान कमजोर, 24500 के सपोर्ट से नीचे जाने पर 24100-24000 तक की गिरावट मुमकिन

Market trend : बाजार ने अगस्त सीरीज़ की शुरुआत गिरावट के साथ की है। जिससे मौजूदा करेक्शन का रुझान और गहरा गया है। बाजार मिले-जुले नतीजों के असर से जूझ रहा है। हाल ही में हुई अमेरिकी टैरिफ की घोषणा और विदेशी फंडों की लगातार निकासी से बाजार पर दबाव बना है। निफ्टी अब 24,450 पर अपने अगले अहम सपोर्ट स्तर के करीब पहुंच रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 03, 2025 पर 2:56 PM
Nifty Trend : निफ्टी का रुझान कमजोर, 24500 के सपोर्ट से नीचे जाने पर 24100-24000 तक की गिरावट मुमकिन
वीकली चार्ट पर निफ्टी ने इस हफ्ते एक निगेटिव कैंडल बनाया जो लगातार पांचवीं बियरिश कैंडल है। पिछले महीने की बड़ी रेंज मूवमेंट का पिछला तेज़ अपसाइड ब्रेकआउट पूरी तरह से नकार दिया गया है और बाजार 24600 अंक के तत्काल सपोर्ट से नीचे फिसल गया है

Stock Market : बाजार की आगे की दशा और दिशा पर बात करते हुए जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार ने ट्रेड डील को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और कमज़ोर नतीजों के बीच एक उतार-चढ़ाव भरा सप्ताह देखा। बाजार सतर्कता के साथ उम्मीद बनाए रखे हु है। बीते हफ्ते बाजार डिफेंसिव जोन में रहा और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली के बीच गिरावट के साथ बंद हुआ।

उन्होंने आगे कहा ग्लोबल चुनौतियों के बीच,निवेशकों ने नॉन-डिस्क्रिशनरी अपील वाले घरेलू खपत पर आधारित शेयरों पर फोकस किया। बाजार में लोग अब चुनिंदा क्वालिटी शेयरों पर फओकस कर रहे हैं। एफएमसीजी शेयर आकर्षक मूल्यांकन और बाहरी झटकों से सुरक्षित रहने की क्षमता के अच्छे लग रहे है। बीते हफ्ते इनमें जोरदार तेजी रही। ये शेयर बढ़ते टैरिफ खतरों से तुलनात्मक रूप से ज्यादा सुरक्षित हैं।

ग्लोबल मार्केट पर नजर डालें तो अमेरिका में बढ़ती महंगाई और यूएस फेड तथा बैंक ऑफ जापान के आक्रामक संकेतों के कारण बाजार दबाव में रहे। इससे ब्याज दरों में तत्काल ढील की उम्मीदें धूमिल हो गईं हैं, जिसका उभरते बाजारों पर भारी असर पड़ा।

विनोद नायर ने आगे कहा कि निवेशक अगले सप्ताह आरबीआई द्वारा लिए जाने वाले ब्याज दरों के फैसले पर कड़ी नज़र रखेंगे। जबकि जोखिम का कांटा अभी भी नीचे की ओर झुका हुआ है। महंगाई में स्थिरता, ट्रेड वार्ता में संभावित प्रगति और घरेलू इकोनॉमी पर निर्भर शेयरों में मज़बूती से आगे रिकवरी की उम्मीद दिख रही है।

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