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डोनाल्ड ट्रंप की जीत से कुछ देशों को लाभ, भारत को मिलेगा सबसे अधिक फायदा: नोमुरा

जापान के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट बैंक नोमुरा (Nomura) का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उसने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और रणनीतिक हित एक दूसरे के साथ काफी गहराई से जुड़े हैं, जो ट्रंप की जीत से प्रभावित नहीं होंगे। नोमुरा ने कहा, "ट्रंप की जीत से जिन देशों को फायदा हो सकता है, उनमें हम भारत को सबसे ऊपर रखते हैं"

अपडेटेड Nov 06, 2024 पर 9:59 PM
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अमेरिका भारत को चीन से मुकाबले में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है

जापान के सबसे बड़े इनवेस्टमेंट बैंक नोमुरा (Nomura) का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उसने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक और रणनीतिक हित एक दूसरे के साथ काफी गहराई से जुड़े हैं, जो ट्रंप की जीत से प्रभावित नहीं होंगे। नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "ट्रंप की जीत से जिन देशों को फायदा हो सकता है, उनमें हम भारत को सबसे ऊपर रखते हैं। भारत का विकास मॉडल घरेलू मांग पर आधारित है और इसे कमोडिटी की कीमतों में कमी, सप्लाई चेन में बदलाव और मजबूत विदेश नीति से लाभ मिल सकता है।"

नोमुरा की यह रिपोर्ट 3 सितंबर को जारी की गई थी, जो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले की है। इसमें विभिन्न देशों पर ट्रंप की जीत के संभावित असर का आकलन किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, "भारत की अर्थव्यवस्था घरेलू मांग पर आधारित है, इसलिए अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का भारत पर सीमित असर देखने को मिलेगा।"

नोमुरा के अनुसार, अमेरिका भारत को चीन से मुकाबले में एक रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है। इसके अलावा, चीन से सप्लाई चेन हटने से भी भारत को और अधिक लाभ हो सकता है। अमेरिका के साथ भारत का व्यापारिक रिश्ता भी मजबूत है और अमेरिका काफी समय से भारतीय सेवाओं का प्रमुख ग्राहक है। भारत की ग्लोबल सर्विसेज एक्सपोर्ट में अमेरिका की अहम हिस्सेदारी है, खासतौर से आईटी और प्रोफेशनल सेवाओं के मामले में।


रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत के एक्सपोर्ट में अमेरिका की लगभग 18% हिस्सेदारी है। जिन वस्तुओं का अमेरिका में भारत से एक्सपोर्ट होता है, उनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, जेम्स एंड ज्वैलरी, फार्मास्यूटिकल्स, न्यूक्लियर रिएक्टर, पेट्रोलियम उत्पाद, ऑटोमोबाइल्स और टेक्सटाइल्स आदि शामिल हैं।

नोमुरा का यह भी मानना है कि अमेरिका और भारत के बीच कुछ व्यापारिक खींचतान हो सकती है, लेकिन इसे सप्लाई चेन के लाभों से संतुलित किया जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया, "कमोडिटी की कीमतों में कमी और तेल की कम कीमतें भारत के लिए एक पॉजिटिव संकेत साबित हो सकती हैं।"

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका चीन से दूरी बढ़ाने की रणनीति पर आगे बढ़ेगा और इसके चलते ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत की स्थिति मजबूत बनी रहेगी। भारत का घरेलू उपभोक्ता बाजार, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है और सरकार इस समय यहां घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने पर जोर दे रही है।

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