NSE Scam : सीबीआई (CBI) अधिकारियों ने रविवार को इस बात की पुष्टि की कि एसएसई (NSE) के एक स्टॉक ब्रोकर द्वारा कोलोकेशन फैसिलिटी (colocation facility) के कथित दुरुपयोग से संबंधित जांच में जांच एजेंसी ने एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण से पूछताछ की है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई पूछताछ के लिए नारायण को फिर से बुला सकती है। एनएसई (NSE) के पूर्व सीईओ शनिवार को दिल्ली में सीबीआई (CBI) के सामने पेश हुए थे।
नारायण 19 साल रहे एमडी और सीईओ
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई के जांचकर्ताओं ने कोलोकेशन फैसिलिटी और स्टॉक एक्सचेंज के कामकाज पर नारायण का बयान दर्ज करते हुए कई तीखे सवाल पूछे। नारायण अप्रैल, 1994 से मार्च, 2013 तक एक्सचेंज के एमडी और सीईओ थे। उसके बाद उन्हें अप्रैल, 2013 से एनएसई के बोर्ड में नॉन एग्जीक्यूटिव कैटेगरी में वाइस चेयरमैन नियुक्त किया गया था और जून, 2017 तक वह इसी पद पर बने रहे।
रामकृष्ण सहित कई के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर
शुक्रवार को, एजेंसी ने एनएसई की पूर्व एमडी-सीईओ चित्रा रामकृष्ण से इस मामले में पूछताछ की थी। एजेंसी ने रामकृष्ण, नारायण और पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यन के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया था, जिससे वे देश न छोड़ सकें।
रामकृष्ण 11 फरवरी को तब सुर्खियों में आ गईं जब उन्होंने कहा था कि उन्होंने आनंद सुब्रमण्यन की एक्सचेंज के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी के एडवाइजर के रूप में नियुक्त करने में हिमालय में रहने वाले एक योगी से मार्गदर्शन प्राप्त किया था।
सेबी ने लगाया था जुर्माना
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यन को चीफ स्ट्रैटजिक एडवाइजर नियुक्त करने और उन्हें फिर ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी का एडवाइजर नियुक्त करने में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
सेबी ने रामकृष्ण पर 3 करोड़ रुपये, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), सुब्रमण्यन, पूर्न एनएसई एमडी और सीईओ रवि नारायण पर 2-2 करोड़ रुपये और वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपये का फाइन लगाया था। नरसिम्हन चीफ रेगुलेटरी ऑफिसर और कंप्लायंस ऑफिसर थे।