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NSE करेगा अमेरिकी फर्म Jane Street के कुछ डेरिवेटिव सौदों की जांच, जानिए क्या है पूरा मामला

NSE के सर्विलांस सिस्टम ने जेन स्ट्रीट के कुछ खास डेरिवेटिव सौदों को चिन्हित किया था। एनएसई ने पाया था कि जेन स्ट्रीट के कुछ ट्रेड एक ही काउंटरपार्टी से मैच किए गए फिर रिवर्स कर दिए गए। इसका मतलब यह है कि जेन स्ट्रीट ने बहुत कम समय में अपनी ट्रेडिंग पोजीशन को रिवर्स कर दिया

MoneyControl Newsअपडेटेड May 06, 2025 पर 12:57 PM
NSE करेगा अमेरिकी फर्म Jane Street के कुछ डेरिवेटिव सौदों की जांच, जानिए क्या है पूरा मामला
NSE ने इस बारे में जेन स्ट्रीट के कस्टोडियन बैंक को जनवरी में नोटिस भेजा था।

अमेरिकी प्रॉपरायटरी फर्म जेन स्ट्रीट के इंडिया में कुछ फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेड्स जांच के दायरे में हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) इन डेरिवेटिव सौदों की जांच करेगा। इस मामले से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। जेन स्ट्रीट दुनिया की बड़ी प्रॉपरायटरी फर्मों में से एक है। यह लाखों करोड़ डॉलर के ट्रांजेक्शन करती है। जेन स्ट्रीट सिंगापुर पीटीई भारत में फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (एफपीआई) के रूप में रजिस्टर्ड है। उसके फंड के कस्टोडियन की भी जांच होगी।

प्रॉपरायटरी फर्म का मतलब

प्रॉपरायटरी फर्म (Proprietary Firm) ऐसे फर्म को कहा जाता है जो किसी क्लाइंट की जगह खुद के लिए ट्रेडिंग करती हैं। दरअसल, NSE के सर्विलांस सिस्टम ने जेन स्ट्रीट के कुछ खास डेरिवेटिव सौदों को चिन्हित किया था। एनएसई ने पाया था कि जेन स्ट्रीट के कुछ ट्रेड एक ही काउंटरपार्टी से मैच किए गए फिर रिवर्स कर दिए गए। इसका मतलब यह है कि जेन स्ट्रीट ने बहुत कम समय में अपनी ट्रेडिंग पोजीशन को रिवर्स कर दिया। ऐसा पहले की कीमत से काफी ज्यादा या काफी कम कीमत पर किया गया।

एनएसई ने जनवरी में भेजा नोटिस

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