सॉफ्टबैंक ग्रुप के निवेश वाली Ola Electric ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए बैटरी प्लांट लगाने का फैसला किया है। कंपनी 50 गीगा वॉट ऑवर (Gwh) क्षमता वाला बैटरी सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का फैसला किया है। इस योजना की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने रायटर्स (Reuters) को बताया कि Ola को हर साल करीब 1 करोड़ इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने का टारगेट पूरा करने के लिए 40Gwh बैटरी का प्लांट लगाने की जरूरत होगी।
कंपनी की शुरुआती योजना 2023 तक 1Gwh बैटरी कैपिसिटी लगाने की है। जिसको अगले 3-4 सालों में बढ़ाकर 20GWh किया जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले एक और सूत्र ने बताया कि शुरुआती तौर पर ही इस योजना पर 1 बिलियन डॉलर की निवेश की जरूरत होगी।
गौरतलब है कि ओला वर्तमान में अपने इलेक्ट्रिक स्कूटरों के लिए दक्षिण कोरिया ने बैटरी सेल का इंपोर्ट करती है। कंपनी की योजना ऐसी कंपनियों में निवेश करने की भी है जो एडवांस सेल, बैटरी, टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई है।
इसके अलावा कंपनी भारत में एक बैटरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इकाई भी लगाना चाहती है। यह भी बता दें कि वर्तमान में बैटरी सेल मैन्यूफैक्चरिंग पर कुछ एशियाई कंपनियों का एकाधिकार है। इन कंपनियों में CATL,LG Energy Solutions और Panasonic के नाम शामिल हैं। ये कंपनियां दुनिया के बड़ी ऑटो मेकर कंपनियों जैसे Tesla Inc और Volkswagen को बैटरी सप्लाई करती हैं।
ओला इलेक्ट्रिक के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर वरूण दुबे ने Reuters को ईमेल के जरिए अपने भेजे जवाब में कहा है कि हमारे लिए बैटरी सेल रिसर्च और मैन्यूफैक्चरिंग अहम फोकस एरिया है। हमारी योजनाओं काफी एडवांस स्टेज पर है लेकिन हम किसी खास मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
भारत कंपनियों से चाहता है कि वह क्लीन फ्यूल व्हीकल बनाएं और स्थानीय स्तर पर इलेक्ट्रिक बैटरियों का उत्पादन करें। इससे तेल का आयात बिल घटने के साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी। भारत सरकार ने PLI स्कीम के तहत इस क्षेत्र के लिए 6 अरब डॉलर के इंसेंटिव का भी एलान किया है। ओला उन कंपनियों में से एक है जिसने इस इंसेंटिव के लिए क्लेम किया है।