इंडिया के पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद इनवेस्टर्स थोड़ा डरे हुए हैं। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसका स्टॉक मार्केट्स पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। 7 मई को इंडियन मार्केट ओपन होन पर इसकी पुष्टि हो गई। बड़ी गिरावट के साथ खुलने वाले प्रमुख सूचकांक थोड़ी ही देर में काफी हद तक संभलने में कामयाब हो गए। 10:49 बजे सेंसेक्स सिर्फ 31 प्वाइंट्स गिरकर 80,605 पर था, जबकि निफ्टी 14 प्वाइंट्स की कमजोरी के साथ 24,360 पर था। बैंक निफ्टी में 45 अंकों की तेजी देखने को मिली। इस बारे में मनीकंट्रोल ने आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी के एमडी और सीईओ ए बालासुब्रमण्यन से बातचीत की।
पाक के खिलाफ कार्रवाई के लिए मार्केट पहले से तैयार था
बालासुब्रमण्यन ने कहा, "मार्केट पर असर के लिहाज से इसे निगेटिव नहीं माना जाना चाहिए, क्योंकि जो कुछ भी होने वाला है उसका असर पहले ही मार्केट पर पड़ चुका है। मार्केट पहले से इसके लिए तैयार था। अगर पिछले कुछ सालों में ऐसे मामलों के असर को देखा जाए तो इनका इकोनॉमी पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है।" पिछले दो दशकों में ऐसे मामलों के बाद इंडियन मार्केट (Indian Stock Markets) में तेज रिकवरी देखने को मिली थी। लंबी अवधि में तो इनका किसी तरह का असर देखने को नहीं मिला।
पहले भी इंडिया की कार्रवाई का मार्केट पर नहीं पड़ा है ज्यादा असर
इंडियन एयर फोर्स ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। तब Sensex सिर्फ 239 प्वाइंट्स गिरा था, जबकि Nifty 44 प्वाइंट्स गिरा था। अगले दिन मार्केट में रिकवरी देखने को मिली। सेंसेक्स 165 अंक चढ़कर खुला था और फ्लैट बंद हुआ था। अगर 2019 में 15 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले की बात की जाए तो उस दिन सेंसेक्स सिर्फ 0.2 फीसदी गिरा था। हालांकि, 2016 में उड़ी हमले के बाद सेंसेक्स में 400 और निफ्टी में 156 अंक की गिरावट आई थी।
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करगील युद्ध के दौरान सेंसेक्स में 33 फीसदी तेजी आई थी
1999 में करगील की लड़ाई के दौरान Sensex 33 फीसदी चढ़ा था। तब यह लड़ाई करीब तीन महीने चली थी। इस दौरान सेंसेक्स 1,115 अंक और निफ्टी 319 प्वाइंट्स चढ़ा था। बालासुब्रमण्यन ने कहा कि अगर मार्केट में गिरावट आती भी है तो वह थोड़े समय के लिए होगी। उसके बाद मार्केट में रिकवरी देखने को मिलेगी। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक अब इंडियन मार्केट्स में बड़े खरीदार नहीं रह गए हैं। इसलिए अगर उनके निवेश में कमी आती है तो भी मार्केट पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।