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शेयर बाजार में दशकों से मौजूद हैं ये 20 सरकारी कंपनियां, फिर भी इस एक नियम को नहीं कर पाईं पूरा, जानें वजह

शेयर बाजार में मौजूद 20 से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियों (PSUs) ने अब तक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन नहीं किया है। SEBI के इस नियम के तहत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली कंपनी में प्रमोटर की अधिकतम हिस्सेदारी 75% तक सीमित होनी चाहिए। वहीं बाकी 25 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक शेयरधारकों के पास होने चाहिए

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 19, 2025 पर 3:12 PM
शेयर बाजार में दशकों से मौजूद हैं ये 20 सरकारी कंपनियां, फिर भी इस एक नियम को नहीं कर पाईं पूरा, जानें वजह
भारतीय शेयर बाजार में कुल 103 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं

शेयर बाजार में मौजूद 20 से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियों (PSUs) ने अब तक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग के नियम का पालन नहीं किया है। SEBI के इस नियम के तहत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने वाली कंपनी में प्रमोटर की अधिकतम हिस्सेदारी 75% तक सीमित होनी चाहिए। वहीं बाकी 25 फीसदी हिस्सेदारी पब्लिक शेयरधारकों के पास होने चाहिए। SEBI इस नियम का पालन करने के लिए कंपनियों को 3 साल का समय देती है। हैरानी की बात यह है कि शेयर बाजार में कई ऐसी सरकारी कंपनियां हैं जो दशकों से लिस्टेड हैं, लेकिन फिर भी वो अब तक इस नियम का पालन नहीं कर पाई हैं।

क्या है देरी की वजह?

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसका मुख्य कारण सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स, 1957 की धारा 19(a) है, जो सरकार को इस नियम के पालन की समयसीमा बढ़ाने की इजाजत देती है। इसी प्रावधान के चलते सरकार इन PSUs को इस शर्त को पूरा करने की समयसीमा से राहत देती रही है।

भारतीय शेयर बाजार में कुल 103 सरकारी कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। इनमें से करीब 20% कंपनियां अब भी इस न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग नियम का पालन नहीं कर सकी हैं।

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