ईरान-इजराइल में लड़ाई लगातार बढ़ने के बावजूद स्टॉक मार्केट्स में घबराहट नहीं दिख रही है। 19 जून को दोनों देशों की लड़ाई ने उग्र रूप ले लिया। इसके बावजूद निफ्टी 17 अंक और सेंसेक्स 27 नीचे चल रहे थे। सबसे बड़ी बात यह है कि इंडिया वीआईएक्स 2.5 फीसदी गिरकर 13.92 पर आ गया। जब जियोपॉलिटिकल टेंशन काफी ज्यादा है तब इंडिया वीआईक्स का 14 से नीचे आना चौंकाता है। एक महीने में इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स 20 फीसदी गिरा है।
ईरान-इजरायल लड़ाई के बावजूद बाजार पर दबाव नहीं
19 जून को जहां Sensex और Nifty में मामूली दबाव दिखा वही 1,012 शेयरों में तेजी दिखी और 2,251 शेयरों में गिरावट दिखी। 117 स्टॉक्स की कीमतों में कोई बदलाव नहीं दिखा। India VIX के 14 से नीचे आने का मतलब है कि बाजार में आगे उतारचढ़ाव में कमी दिख सकती है। मार्केट में डर भी कम होता दिख रहा है। यह इंडियन मार्केट्स के लिए बहुत अच्छा है। इससे पता चलता है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन के बावजूद निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है। इससे आगे मार्केट में तेजी का ट्रेंड देखने को मिल सकता है।
इनवेस्टर्स को इंडियन मार्केट्स पर भरोसा
18 जून को India VIX 14.27 पर बंद हुआ था। इसका मतलब है कि ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता और इजरायल-ईरान में लड़ाई के बावजूद निवेशक इंडियन मार्केट्स को उम्मीद भरे नजरों से देख रहे हैं। जियोजित इनवेस्टमेंट्स के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा, "Nifty 24,500-25,000 की रेंज में तब तक बना रह सकता है जब तक इजरायल-ईरान लड़ाई किसी निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच जाती या दोनों पक्षों में सुलह नहीं हो जाता।"
लड़ाई जल्द थमने पर मार्केट में आ सकती है बड़ी तेजी
उन्होंने कहा कि अगर दोनों पक्षों के बीच लड़ाई रुक जाती है तो निफ्टी इस रेंज के ऊपरी लेवल से ब्रेकआउट करेगा। अगर यह लड़ाई बढ़ती है और खासकर स्ट्रेट ऑफ हर्मुज को लेकर किसी तरह की दिक्कत शुरू होती है और ऑयल की कीमतों में उछाल आता है तो Nifty के लिए 24,500 के सपोर्ट लेवल से ऊपर बने रहना मुश्किल होगा। इसलिए इनवेस्टर्स को अभी पश्चिम एशिया के घटनाक्रम पर करीबी नजर बनाए रखने की जरूरत है।
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निवेशकों को मध्यपूर्व में घटनाक्रम पर नजर रखने की जरूरत
Axis Securities के हेड ऑफ रिसर्च अक्षय चिनचालकर ने कहा कि अगर निफ्टी रोजाना 24,950 की जगह 14,750 से नीचे बंद होना जारी रखता है तो मार्केट में बड़ी गिरावट के आसार बढ़ जाएंगे। अगले कुछ दिन स्टॉक मार्केट्स के लिए काफी अहम हैं। हालांकि, निवेशकों को यह समझने की जरूरत है कि अगर लड़ाई बढ़ने के बावजूद निफ्टी और सेंसेक्स ज्यादा नहीं गिरे हैं तो यह इंडियन मार्केट के स्ट्रेंथ का संकेत है।