बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की अगुआई वाली कंपनी पंतजलि फूड्स लिमिटेड (Patanjali Foods Ltd) अगले महीने अपना फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) ला सकती है। कंपनी ने गुरुवार 16 मार्च को बताया कि वह अपनी 25 फीसदी हिस्सेदारी को सार्वजनिक करने के इरादे से यह FPO लाएगी। कंपनी ने यह भी कहा कि स्टॉक एक्सचेंजों की ओर से पंतजलि फूड्स के प्रमोटरों के शेयर के लेन-देन पर रोक लगाए जाने का उसके कारोबार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने पंतजलि फूड्स के प्रमोटरों के शेयर जब्त किए हैं। यह कार्रवाई न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग की शर्तों को पूरा नहीं करने के चलते लगाई गई है। पंतजलि फूड्स, देश की प्रमुख एडिबल ऑयल कंपनियों में से एक है।
रामदेव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से एक बातचीत में निवेशकों और पब्लिक शेयरहोल्डरों को भरोसा दिया कि इस कार्रवाई से कंपनी के कामकाज और वित्तीय प्रदर्शन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उसकी ग्रोथ की रफ्तार बनी रहेगी। उन्होंने कहा, "निवेशकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।"
रामदेव ने कहा कि सेबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रमोटरों के शेयरों पर पहले से ही सूचीबद्ध होने की तारीख से अगले एक साल तक, यानी 8 अप्रैल 2023 तक लेन-देन पर रोक है। ऐसे में स्टॉक एक्सचेंजों के इस कदम का पतंजलि फूड्स के कामकाज पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा।
FPO के बारे में जानकारी देते हुए रामदेव ने कहा, "हम करीब 6% हिस्सेदारी के बराबर FPO ला रहे हैं। इसको लेकर कोई सवाल नहीं है। देरी का कारण बाजार स्थिति का अनुकूल नहीं होना है।" समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हम FPO के लिये प्रक्रिया अप्रैल में शुरू करेंगे।"
पतंजलि फूड्स क्यों ला रही है FPO?
नियमों के मुताबिक किसी भी लिस्टेड कंपनी के कम से कम 25 फीसदी शेयर, पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास होने चाहिए। पतंजलि फूड्स के मामले में ऐसा नहीं है। दिसंबर 2022 तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक पतंजलि फूड्स के 80.82 फीसदी शेयर प्रमोटर और प्रमोटर कंपनियों के पास है जबकि पब्लिक शेयरहोल्डिंग महज 19.18 फीसदी। इसलिए कंपनी अपनी करीब 6% और हिस्सेदारी बेचने के लिए FPO लाने की तैयारी में है। पतंजलि फूड्स ने इससे पहले मार्च 2022 में भी एक FPO लाया था।
शेयर बाजार में जब कोई कंपनी पहली बार सूचीबद्ध होती है, तो वह अपना IPO (इनीशियल पब्लिक ऑफर) लाती है। एक बार सूचीबद्ध होने के बाद जब कोई कंपनी दोबारा अपने निवेशकों को नए शेयर जारी करना चाहती है, तो उसे FPO यानी फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर कहा जाता है। यह अतिरिक्त पूंजी जुटाने का एक तरीका है जो कंपनी की अपने कारोबार को चलाने या उनकी विस्तार योजनाओं को पूरा करने में मदद करता है।