Paytm Payments Bank पर 15 मार्च के बाद क्या हमेशा के लिए लग जाएगा ताला?

Paytm Payments Bank: RBI ने यह संकेत दिया है कि उसे पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों की फिक्र है। यही वजह है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले हफ्ते FAQ जारी किया। उसने बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों के लिए क्या-क्या विकल्प हैं। केंद्रीय बैंक ने यह भी संकेत देने की कोशिश की है कि सभी फिनटेक्स को बैंकिंग रूल्स का पालन करने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है

अपडेटेड Feb 19, 2024 पर 11:07 AM
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आरबीआई ने मीडिया से बातचीत में कई बार यह बताने की कोशिश की है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अपनी गलतियां सुधारने के लिए पर्याप्त समय दिया गया।

RBI ने Paytm Payments Bank (PPBL) के मामले में पिछले हफ्ते फ्रीक्वेंट्ली ऑस्क्ड क्वेश्चंस (FAQ) जारी किया था। इसमें पेटीएम की सेवाओं को लेकर कई बातें स्पष्ट करने की कोशिश की गई थी। लेकिन, सबसे ज्यादा फोकस कंज्यूमर्स से जुड़े दो मसलों पर था। पहला, केंद्रीय बैंक ने पीपीबीएल को अपना कारोबार समेटने के लिए और दो हफ्तों का समय दिया है। दूसरा, आरबीआई ने कहा है कि मौजूदा कस्टमर्स और डिपॉजिटर्स को पीपीबीएल में डिपॉजिट अपने पैसे को दूसरे बैकों में ट्रांसफर करना होगा। जिन ग्राहकों का बैलेंस (पैसा) पीपीबीएल के वॉलेट और फास्टैग में है वे उनका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन वे 15 मार्च के बाद इनमें नया पैसा नहीं डाल पाएंगे।

पेटीएम के ग्राहकों के सामने क्या हैं विकल्प?

RBI के एफएक्यू से यह साफ हो गया है कि ग्राहकों को पीपीबीएल से अपने पैसे निकालकर दूसरे बैंक में डिपॉजिट करना होगा। मर्चेंट कस्टमर्स पेटीएम क्यूआर कोड और साउंडबॉक्स का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं। शर्त यह है कि ये (क्यूआर कोड-साउंडबॉक्स) दूसरे बैंकों के अकाउंट से लिंक्ड होने चाहिए। सवाल है कि 15 मार्च के बाद क्या होगा? अगर आरबीआई 15 मार्च तक पीपीबीएल की सेवाओं पर रोक नहीं हटाता है तो 15 मार्च के बाद पीपीबीएल एक डॉरमेंट बैंक बन जाएगा। इसका मतलब है कि वह किसी तरह का बिजनेस नहीं कर पाएगा। इसका मतलब यह है कि उसकी सेवाएं बंद हो जाएंगी।


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पेटीएम के बंद होने के बाद क्या सिर्फ 4 पेमेंट बैंक रह जाएंगे?

मनीकंट्रोल ने पहले बताया था कि अगर कोई इंटरेस्टेड पार्टी पीपीबीएल के अकाउंट्स का टेकओवर नहीं करता है तो इस बात की संभावना ज्यादा है कि आरबीआई पीपीबीएल का वर्किंग परिमिट कैंसिल कर देगा। इसके बाद देश में सिर्फ 4 पेमेंट्स बैंक बच जाएंगे। इनमें एयरटेल पेमेंट्स बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, फिनो, एनएसडीएल पेमेंट बैंक और जियो पेमेंट बैंक शामिल हैं।

क्या पेटीएम के बाद दूसरे फिनटेक को भी खतरा है?

आरबीआई ने पीपीबीएल के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर फिनटेक को स्पष्ट संकेत देने की कोशिश की है। उसने बता दिया है कि कोई कंपनी कितनी भी बड़ी क्यों न हो, केंद्रीय बैंक के नियमों का पालन उसे करना ही होगा। केंद्रीय बैंक ने यह भी बता दिया है कि उसे सख्त कदम उठाने में किसी तरह की हिचक नहीं होगी। यह फिनटेक फाउंडर्स के लिए एक सबक है, जो अपने बैंकिंग प्लान को लेकर बहुत महत्वाकांक्षी हैं। उन्हें कंप्लायंस और रेगुलेशंस को ठीक तरह से समझने की जरूरत है।

क्या आरबीआई ने जल्दबादी में एक्शन लिया?

आरबीआई ने मीडिया से बातचीत में कई बार यह बताने की कोशिश की है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक को अपनी गलतियां सुधारने के लिए पर्याप्त समय दिया गया। केवायसी का पालन नहीं करने और एएमएल नियमों के उल्लंघन सहित पीपीबीएल पर कई तरह के आरोप हैं। बार-बार मौका मिलनेके बावजूद पीपीबीएल केंद्रीय बैंक को संतुष्ट करने में नाकाम रहा। 2015 में पेटीएम उन 15 पेमेंट बैंकों में से एक था, जिन्हें बैंकिंग सेवाओं के लिए RBI ने लाइसेंस दिया था।

MoneyControl News

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First Published: Feb 19, 2024 10:39 AM

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