Paytm Payments Bank ने आरबीआई (RBI) के फैसलों को कोर्ट में चैलेंज नहीं करने का फैसला किया है। इसकी जगह बैंक केंद्रीय बैंक के साथ मिलकर कंप्लायंस सहित उन कमियों को दूर करना चाहता है, जिसे लेकर RBI ने सवाल खड़े किए हैं। इस बारे में पेटीएम ने मनीकंट्रोल को बताया है। आरबीआई ने 31 जनवरी को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। बैंक पर आरबीआई के नियमों का पालन नहीं करने और बार-बार बताने के बावजूद कंप्लायंस को लेकर गंभीरता नहीं दिखाने के आरोप हैं। आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए डिपॉजिट, ट्रांजेक्शंस, कस्टमर अकाउंट में टॉप-अप, वॉलेट, फास्टैग, प्रीपेड इंस्ट्रूमेंट्स, एनसीएमसी कार्ड्स जैसी सेवाएं रोक देने को कहा है।
पेटीएम के पास कोर्ट जाने का विकल्प
कानून के जानकारों का कहना है कि पेटीएम के पास आरबीआई के फैसलों के खिलाफ हाई कोर्ट जाने का रास्ता है। इसके लिए वह याचिका दाखिल कर सकती है। पहले ऐसे मामलों में कोर्ट जाने के उदाहरण हैं। लेकिन, पेटीएम ने हाई कोर्ट में आरबीआई के फैसलों को चुनौती देने की संभावना से इनकार किया है। मनीकंट्रोल की तरफ से पूछे गए एक सवाल के जवाब में पेटीएम ने कहा, "हम कानूनी रास्ते या हाई कोर्ट में आरबीआई के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।"
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कंप्लायंस पर फोकस करेगी पेटीएम
पेटीएम का कहना है कि कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की जगह वह कंप्लायंस पर फोकस करना चाहती है। उसने यह भी कहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक ग्राहकों को बगैर किसी दिक्कत सेवाएं दे रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि 2018 में कोटक महिंद्रा बैंक के प्रमोटर उदय कोटक ने प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग के मसले पर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, कानूनी प्रक्रिया काफी मुश्किल होती है।
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आरबीआई के साथ मिलकर समाधान निकालेगी पेटीएम
इंडियालॉ एलएलपी के सीनियर पार्टनर विनोद पीवी ने कहा, "मुश्किल यह है कि दूसरे रेगुलेटर्स की तरह आरबीआई के मामले में अपील करने के लिए कोई संस्था नहीं है। ऐसे में किसी तरह की शिकायत होने पर सिर्फ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता है।" उन्होंने कहा कि ऐसे में पेटीएम के लिए कामकाज से जुड़ी कमियों को दूर करने और फिर आरबीआई से फैसले को वापस लेने का अनुरोध करने का रास्ता सबसे सही है।