महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के शेवगांव तहसील में फर्जी कंपनियां पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) के नाम पर करोड़ों की कमाई कर रही हैं। उनके शिकार गांव के भोलेभाले लोग हैं, जिन्हें पीएमएस की बारीकियां पता नहीं है। उन्हें यह भी नहीं पता कि वे अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई जिन लोगों के हाथों में सौंप रहे हैं, उनका असली मकसद फ्रॉड है। फर्जी पीएमएस चलाने वाले लोग इतना ज्यादा रिटर्न का लालच देते हैं, जिससे गांव के लोग अपने पैसे उनके हवाले कर रहे हैं। पूरे इलाकों में ऐसी कई फर्जी स्कीमें चलाई जा रही हैं। नतीजा यह है कि लोग बैंकों में रखे अपने पैसे निकाल कर इन स्कीमों में लगा रहे हैं। कुछ लोगों ने तो अपनी जमीन बेचकर पैसा इन स्कीमों में लगाया है।
लोग बैंकों से पैसे निकाल फर्जी स्कीमों में लगा रहे
शेवगांव के व्यापारी हितेश ओबेरॉय ने कहा, "मैं जिन लोगों को जानता हूं, उनमें से ज्यादातर ने बैंकों में अपने फिक्स्ड डिपॉजिट से पैसे निकालकर पीएमएस चलाने वाले लोगों के हाथ में दिए हैं।" कोऑपरेटिव बैंकों को फ्रेश डिपॉजिट जुटाना मुश्किल हो रहा है। उधर, फर्जी पीएमएस चलाने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एक बैंक के अफसर ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "जो पैसा बैंकों में आता था, वह पिछले 12 महीनों से इन लोगों के पास जा रहा है, जो बहुत ज्यादा रिटर्न का लालच दे रहे हैं।"
सालाना 84 फीसदी रिटर्न का दे रहे लालच
चिंता की बात यह है कि फर्जी पीएमएस में पैसे लगाने के लिए लोग सोना और घर तक गिरवी रखकर लोन ले रहे हैं। 25 साल का साई कवाडे ऐसी ही एक स्कीम चलाता है। उसकी कंपनी का नाम Asitech Portfolio Management Services है। यह कंपनी निवेशकों को हर महीने 7 फीसदी रिटर्न देने का वादा करती है। यह 84 फीसदी सालाना रिटर्न है। एशियाटेक रजिस्टर्ड पीएमएस नहीं है। इसकी सेवाएं गैरकानूनी हैं।
बड़ी ब्रोकरेज फर्मों के नामों का गलत इस्तेमाल
एशियाटेक जहां सालाना 84 फीसदी रिटर्न का दावा करती है वही रजिस्टर्ड पीएमएस का मैक्सिम रिटर्न पिछले एक साल में 50 फीसदी रहा है। बहुत ज्यादा रिटर्न के लालच में लोग धड़ल्ले से ऐसी गैरकानूनी स्कीमों में पैसे लगा रहे हैं। उन्हें इस बात का पता नहीं कि वे फ्रॉड करने वाले लोगों के हाथ में अपनी मेहनत की कमाई सौंप रहे हैं। कवाडे के Instagram पेज पर उसके Angel One का सब-ब्रोकर होने का दावा किया गया है। उसके फेसबुक पेज पर उसे Zerodha का अथॉराइज्ड पर्सन बताया गया है।
निवेशकों को लुभाने के लिए झूठ का सहारा
Angel One और Zerodha ने मनीकंट्रोल को बताया कि कवाडे का कोई सबंध उनकी ब्रोकरेज कंपनियों से नहीं है। वह न तो सब-ब्रोकर और न ही अथॉराइज्ड पर्सन है। कवाडे पुट और कॉल बेचने की अपनी स्ट्रेटेजी को सोशल मीडिया पर एडवर्टाइज करता है। वह अपने अकाउंट के प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट के साथ यह एडवर्टाइजमेंट करता है।
पैसे वापस करने में नकाम लोग सुसाइड की कोशिश कर रहे
लोकल अखबार पुधारी (Pudhari) के मुताबिक, शेवगांव के एक सब-ब्रोकर ने तब जहर खा लिया, जब निवेशकों ने स्कीम में लगाए अपने पैसे वापस मांगने शुरू किए। बताया जाता है कि ऐसी स्कीम चलाने वाले कम से कम तीन लोगों ने करोड़ों रुपये के घोटाले किए हैं। सूत्रों का कहना है कि कई निवेशक अपने पैसे वापस पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि उन्हें कर्ज लेकर ये पैसे निवेश किए थे।ॉ
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