Quant Mutual Fund ने अपनी दो स्कीमों के बारे में बताया है। उसने कहा है कि Quant Mid Cap Fund के 50 फीसदी पोर्टफोलियो को लिक्विडेट करने में छह दिन का समय लगेगा। Quant Small Cap Fund के 50 फीसदी पोर्टफोलियो को लिक्विडेट करने में 22 दिन समय लगेगा। क्वांट मिड कैप फंड के 25 फीसदी पोर्टफोलियो को लिक्विडेट करने में 3 दिन का समय लगेगा, जबकि क्वांट स्मॉल कैप फंड के 25 फीसदी पोर्टफोलियो को लिक्विडेट करने में 11 दिन लगेंगे। पिछले महीने AMFI ने म्यूचुल फंड हाउसेज को स्ट्रेस टेस्ट्स करने और उसके नतीजें अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करने को कहा था। म्यूचुअल फंड हाउसेज को AMFI की साइट पर भी नतीजें पब्लिश करने होंगे। इसकी शुरुआत 15 मार्च से हो जाएगी। हर 15 दिन पर उन्हें ये नतीजें पब्लिश करने होंगे।
Quant स्ट्रेस के नतीजें पब्लिश करने वाला पहला फंड हाउस
Quant Mutual Fund स्ट्रेस टेस्ट्स के नतीजें पब्लिश करने वाला पहला म्यूचुअल फंड हाउस है। फंड हाउसेज अपनी स्कीम के पोर्टफोलियो में उतार-चढ़ाव और वैल्यूएशन से जुड़ी जानकारियां भी पब्लिश करेंगे। पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंडों की मिडकैप और स्मॉलकैप स्कीमों में बहुत ज्यादा निवेश हो रहा है। इस पर मार्केट रेगुलेटर SEBI ने चिंता जताई है। उसका मानना है कि अचानक मार्केट में बड़ी गिरावट आने पर इन स्कीमों के निवेशकों को बड़ा लॉस हो सकता है। सेबी के कहने पर AMFI ने पिछले महीने फंड हाउसेज को स्ट्रेस टेस्ट्स करने का निर्देश दिया था।
टॉप 10 स्मॉलकैप फंड में शामिल हैं क्वांट की स्कीम
Quant Small Cap Fund 10 सबसे बड़े स्मॉलकैप फंडों की लिस्ट में शामिल है। फरवरी के अंतर में इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 17,193 करोड़ रुपये था। Quant Mid Cap Fund का एयूएम 5,422 करोड़ रुपये था। क्वांट म्यूचुअल फंड का कहना है कि मार्केट के कुछ पॉकेट्स में वैल्यूएशन ज्यादा है। हालांकि, इससे मिडकैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स को लेकर बड़ा रिस्क नहीं है।
स्मॉलकैप और मिडकैप का आउटलुक पॉजिटिव
Quant Mutual Fund ने कहा है, "हम पहले से स्पष्ट रूप से यह कहते आ रहे हैं कि क्वांट एमएफ का नजरिया मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स को लेकर पॉजिटिव है। हमारा मानना है कि मनी मैनेजमेंट का हमारा डायनेमिक स्टाइल मार्केट के उतार-चढ़ाव को देखते हुए सबसे अच्छा है। हमारे प्रिडिक्टिव एनालिटिक्स टूल्स ने संकेत दिए हैं कि अभी इंडिया मार्केट में बुलबला बनने जैसी कोई बात नहीं है। हालांकि, कुछ खास पॉकेट्स और सेक्टर्स में वैल्यूएशन ज्यादा है। हम क्वांट के 'मनी फ्लो एनालिटिक्स' के जरिए स्टॉक और सेक्टर रोटेशन के साथ इस रिस्क को कम करने की कोशिश करते हैं।"
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