बिग मार्केट वॉयस में आज सीएनबीसी-आवाज़ के साथ हैं देश के बड़े मनी मैनेजर्स में शामिल व्हाइट ओक कैपिटल (White Oak Capital) के CEO आशीष सोमैया, जिनके पास इन्वेस्टिंग की दुनिया में 2 दशक से ज्यादा का अनुभव है। एसेट मैनेजमेंट इंडस्ट्री के बड़े नामों में शामिल आशीष सोमैया मोतीलाल ओसवाल एएमसी (Motilal Oswal AMC) और आईसीआईसीआई प्रू एएमसी (ICICI Pru AMC) को भी शानदार तरीके लीड कर चुके हैं। इनके नेतृत्व में मोतीलाल ओसवाल एएमसी के पोर्टफोलियो में जोरदार ग्रोथ हुई थी। आशीष सोमैया ICICI Pru AMC के सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन के हेड रह चुके हैं।
मिड और स्मॉलकैप में आए करेक्शन से परेशान होने की जरूरत नहीं
बाजार की आगे की संभावनाओं पर बात करते हुए आशीष सोमैया ने कहा कि मिड और स्मॉलकैप में हाल में आए करेक्शन से परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब तक बाजार ग्लोबल मैक्रो दिक्कतों को नजरअंदाज करता जा रहा था। हमारे बाजारों में पिछले 6 महीनों में स्मॉल, मिड और मैक्रोकैप में भारी तेजी देखने को मिली है। लेकिन ये ध्यान में रखने की बात है कि अगर अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ रहीं है और उससे हमारी करेंसी और ब्याज दरों पर भी असर पड़ने का अंदेशा तो बाजार ग्लोबल मैक्रो दिक्कतों को कब तक नजरअंदाज कर पाएगा। ऐसे में छोटे मझोले शेयरों में कभी न कभी गिरावट आने का अंदाजा था। बाजारों में हमें वहीं देखने को मिला रहा है।
ग्लोबल घटनाओं का बाजार पर खास असर नहीं
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल घटनाओं का बाजार पर खास असर नहीं हुआ है। मिडकैप-स्मॉलकैप में 6 महीने से जोरदार तेजी थी। मिडकैप-स्मॉलकैप की तरफ काफी फंड फ्लो रहा है। इतनी तेजी के बाद मिडकैप-स्मॉलकैप में करेक्शन का पहले से अंदेशा था। इस बात चीत में उन्होंने आगे कहा कि FIIs की बिकवाली से लार्जकैप शेयरों की चुनौती बढ़ी है।
बैंकिंग स्पेस को लेकर पॉजिटिव नजरिया
किस सेक्टर पर है निवेश के नजरिए से नजर? इसका जवाब देते हुए आशीष सोमैया ने कहा कि वे बैंकिंग स्पेस को लेकर पॉजिटिव नजरिया रखते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पोर्टफोलियो में लार्जकैप IT शेयर नहीं है। मिडकैप IT में उनका एक्सपोजर है। मिड कैप आईटी शेयरों में इस समय बारगेन बाइंग के काफी अच्छे मौके दिख रहे हैं। करेक्शन के बाद चुनिंदा आईटी कंपनियां भी निवेश के लिए अच्छी दिख रही है।
आशीष ने आगे कहा कि अच्छे नतीजों के बावजूद बैंकिंग शेयरों में बहुत तेजी नहीं आई है। इसकी एक वजह बैंकिंग शेयरों में एफआईआई की तरफ से की गई बड़ी बिकवाली है। लेकिन इस समय बैंकिंग शेयर काफी अच्छे दिख रहे हैं। इस गिरावट में बैंकिंग शेयरों में खरीदारी के अच्छे मौके हैं।
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