Auto Stocks: शेयर बाजार में मंगलवार को कई सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी दिखी। लेकिन, ऑटो सेक्टर के दिग्गज स्टॉक्स- महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और टाटा मोटर्स गिरावट गिरावट के साथ बंद हुए। इसकी वजह एक रिपोर्ट रही, जिसमें कहा गया कि टैक्स पैनल ने कुछ इलेक्ट्रिक व्हीकल (EVs) पर GST 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
M&M के शेयर 2.33% गिरकर ₹3,238 पर बंद हुए। यह डॉ रेड्डीज के बाद निफ्टी 50 इंडेक्स का सबसे बड़ा लूजर रहा। में सबसे अधिक हारे हुए शेयर के रूप में उभरे। वहीं, टाटा मोटर्स लगभग 1 प्रतिशत गिरकर ₹684.30 पर बंद हुआ।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, टैक्स पैनल ने उन EV के लिए जीएसटी दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है, जिनकी कीमत ₹20 लाख से ₹40 लाख के बीच है। ₹40 लाख से अधिक कीमत वाली कारों के लिए पैनल ने जीएसटी दर 28 प्रतिशत करने की सिफारिश की है, क्योंकि ये गाड़ियां 'अपर क्लास'के लिए हैं। इन्हें ज्यादातर इंपोर्ट ही किया जाता है।
रिपोर्ट में पैनल के दस्तावेज का हवाला देते हुए कहा गया, 'इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग बढ़ रही है और 5% की कम दर तेजी से EV अपनाने के लिए है, लेकिन यह भी जरूरी है कि ज्यादा कीमत वाली EVs पर अधिक दर लागू की जा सके।'
3-4 सितंबर को GST काउंसिल मीटिंग
जीएसटी काउंसिल 3 और 4 सितंबर को संभावित जीएसटी सुधारों की समीक्षा के लिए बैठक करेगी। वह पहले ही 28 प्रतिशत जीएसटी स्लैब को पूरी तरह खत्म करने और सरल टैक्स स्ट्रक्चर लाने का प्रस्ताव रख चुकी है। रिपोर्ट में सरकारी सूत्र के हवाले से कहा गया कि काउंसिल EVs पर जीएसटी 18 प्रतिशत बढ़ा सकती है या उन्हें कुछ लग्जरी वस्तुओं के लिए नई 40 प्रतिशत श्रेणी में रख सकती है।
डोमेस्टिक ऑटोमेकर्स जैसे M&M और टाटा मोटर्स के पास लग्जरी सेगमेंट में सीमित प्रोडक्ट हैं। ऐसे में उन संभावित जीएसटी वृद्धि का कम असर पड़ सकता है। इसका टेस्ला, BYD, मर्सिडीज और BMW जैसे लग्जरी EV मेकर पर अधिक असर होगा।
टाटा मोटर्स का EV मार्केट लीडर
जुलाई 2025 में टाटा मोटर्स ने भारतीय इलेक्ट्रिक कार बाजार में लगभग 40 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ नेतृत्व किया, जबकि M&M का हिस्सा 18 प्रतिशत था। BYD का मार्केट शेयर 3 प्रतिशत था, और मर्सिडीज और BMW का कुल मिलाकर 2 प्रतिशत। टेस्ला बुकिंग ले रही है, लेकिन अभी डिलीवरी शुरू नहीं हुई है।
निफ्टी ऑटो इंडेक्स भी लाल निशान में बंद हुआ। यह भी ओवरऑल ऑटो कंपनियों पर दबाव दिखाता है।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।