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'PSU शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है', जानें इस एक्सपर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

अगस्त में निफ्टी के PSE इंडेक्स में 1.7 पर्सेंट की गिरावट रही और सितंबर में फिलहाल इसमें 5 पर्सेंट की गिरावट है, जो इस इंडेक्स की इस साल की सबसे खराब परफॉर्मेंस है। बहरहाल, हालिया खराब परफॉर्मेंस के बावजूद स्टॉक रिसर्च फर्म गोल्डीलॉक्स प्रीमियम रिसर्च के गौतम शाह का मानना है कि हालात नॉर्मल होने से पहले PSU शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है

अपडेटेड Sep 14, 2024 पर 5:51 PM
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निफ्टी के PSE इंडेक्स में पिछली बार लगातार दो महीनों की गिरावट मई और जून 2022 में देखने को मिली थी।

इस साल के पहले कुछ महीनों में देश की पब्लिक सेक्टर कंपनियों (PSUs) के शेयरों की परफॉर्मेंस अच्छी रही है। हाल के महीनों की बात करें, तो इन कंपनियों से जुड़ा निफ्टी का PSE इंडेक्स 1 अगस्त को टॉप पर पहुंच गया था। अगस्त में निफ्टी के PSE इंडेक्स में 1.7 पर्सेंट की गिरावट रही और सितंबर में फिलहाल इसमें 5 पर्सेंट की गिरावट है, जो इस इंडेक्स की इस साल की सबसे खराब परफॉर्मेंस है।

बहरहाल, हालिया खराब परफॉर्मेंस के बावजूद स्टॉक रिसर्च फर्म गोल्डीलॉक्स प्रीमियम रिसर्च के गौतम शाह का मानना है कि हालात नॉर्मल होने से पहले PSU शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। PSE इंडेक्स अपने पीक से 10% नीचे है, जबकि PSU बैंकों के शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिली है और इंडेक्स 3 जून के अपने पीक से तकरीबन 20% की गिरावट पर है। इसके एक दिन बाद यानी 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान हुआ था

निफ्टी के PSE इंडेक्स में पिछली बार लगातार दो महीनों की गिरावट मई और जून 2022 में देखने को मिली थी। शाह ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा, 'पिछले कुछ महीनों से मोमेंटम ठीक नहीं है। PSU स्टॉक्स, निफ्टी के साथ कदम में कदम मिलाकर नहीं चल रहे हैं और जब हम रेशियो चार्ट देखते हैं, तो यह बात साफ पता चल जाती है। आउटपरफॉर्मेंस पूरी तरह से खत्म हो चुका है।'


PSU स्टॉक में संबंधित इंडेक्स के मुकाबले तेज करेक्शन देखने को मिला और ज्यादातर शेयरों में अपने पीक से 10% से 15% की गिरावट है। मझगांव डॉक, कोचिन शिपयार्ड और गार्डन रीच शुरुआती जुलाई के अपनी पीक से तकरीबन 40 पर्सेंट गिर चुके हैं। शाह ने यह भी बताया कि मोमेंटम गंवाने के बाद भी PSU शेयरों में उस तरह से गिरावट नहीं देखने को मिली है, जिस तरह से पिछले 12-18 महीनों में इसमें तेजी देखने को मिली थी। हालांकि, शाह का कहना था कि इसके बावजूद इन कंपनियों के शेयरों की लॉन्ग टर्म संभावनाओं को लेकर उनका भरोसा कायम है। हालांकि, अभी कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है।

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