Q2 FY25 Earnings: सितंबर महीना बीतने के साथ ही मार्केट ने कंपनियों के तिमाही नतीजे का काउंटडाउन शुरू कर दिया। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नतीजे आ चुके हैं। इसके अलावा कई कंपनियों के भी नतीजे आ चुके हैं और बाकी कंपनियां भी कतार में हैं। मार्केट एनालिस्ट्स की मानें तो सितंबर तिमाही में कंपनियों के कमाई की रफ्तार सुस्त हो सकती है और 17 तिमाहियों की सबसे सुस्त ग्रोथ दिख सकती है। एनालिस्ट्स के मुताबिक हाई बेस (यानी कि सितंबर 2023 तिमाही में तेज ग्रोथ), गिरती मांग और कम होते मार्जिन के चलते कमाई की ग्रोथ सुस्त रह सकती है। सेक्टरवाइज बात करें तो BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड इंश्योरेंस) की ग्रोथ सबसे तेज रह सकती है। इसके बाद आईटी सेक्टर और केमिकल कंपनियों की ग्रोथ तेज रह सकती है। वहीं एनालिस्ट्स के मुताबिक ऑटो, कमोडिटी और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स के कमाई की रफ्तार गिर सकती है।
कोरोना के बाद के निचले स्तर पर आ सकती है कमाई की ग्रोथ
ब्रोकरेजेज का मानना है कि सितंबर तिमाही में कंपनियों के कमाई की ग्रोथ कोरोना महामारी के बाद के निचले स्तर पर आ सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज, नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज और एक्सिस सिक्योरिटीज का मानना है कि कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ तेजी से गिरकर महज 2 फीसदी के करीब पर आ सकती है। मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक निफ्टी में शामिल कंपनियों के लिए यह 17 तिमाहियों की सबसे सुस्त ग्रोथ होगी। हालांकि यह भी है कि लगातार चार वर्षों में दोहरे अंकों की ग्रोथ के बाद यह सुस्ती आएगी। मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक अब आगे की बात करें तो अच्छे मानसून के साथ-साथ गांवों में कमाई, मांग और फूड इनफ्लेशन में रिकवरी के संकेत मिल रहे है। इसके अलावा आरबीआई से रेट कटौती की उम्मीदों से भी मार्केट को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
क्या है ब्रोकरेजेज का अनुमान
मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में रुस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते कमोडिटी के भाव बढ़े थे तो भारतीय कंपनियों के मार्जिन को करारा झटका लगा था और रेवेन्यू में 24 फीसदी की बड़ी उछाल के बावजूद कमाई में सिर्फ 11 फीसदी की ग्रोथ दिखी थी। वहीं वित्त वर्ष 2024 में उल्टा रुझान दिखा और कमोडिटी की कीमतें गिरीं जिससे मार्जिन में तेज रिकवरी हुई। इसके चलते भारतीय कंपनियों की कमाई 30 फीसदी बढ़ गई लेकिन रेवेन्यू में 4 फीसदी की ही ग्रोथ दिकी थी। अब वित्त वर्ष 2024 की बात करें तो मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि रेवेन्यू और कमाई की ग्रोथ में अधिक फर्क नहीं रहेगा।
नुवामा का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 के विपरीत इस बार कीमतों की बजाय वॉल्यूम के चलते रेवेन्यू ग्रोथ सुस्त रहेगी। नुवामा ने यह भी आशंका जताई है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में निफ्टी की EPS (प्रति शेयर कमाई) महज 3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ सकती है जिसके चलते वित्त वर्ष 2025 में 13 फीसदी की ग्रोथ के अनुमान में कटौती की जा सकती है। एक्सिस सिक्योरिटीज का कहना है कि मार्केट लॉर्ज कैप की तरफ शिफ्ट हो रहा है। एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक मार्केट में नियर टर्म में कंसालिडेशन फेज दिख रहा है। इसके चलते ब्रोडर मार्केट में थोड़े समय के लिए करेक्शन दिख सकता है।
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